Move to Jagran APP

पूर्व सांसद लालमणि ने बसपा से तोड़ा नाता, जा सकते हैं सपा में Gorakhpur News

पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने कहा कांग्रेस और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू हैं। लाेहिया के आदर्शों पर चलने वाली समाजवादी पार्टी की रीति और नीति उनको अच्छी लगती है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 05:09 PM (IST)
पूर्व सांसद लालमणि ने बसपा से तोड़ा नाता, जा सकते हैं सपा में Gorakhpur News
पूर्व सांसद लालमणि ने बसपा से तोड़ा नाता, जा सकते हैं सपा में Gorakhpur News

 गोरखपुर, जेएनएन। मायावती की रीतियों और नीतियों से नाराज होकर बस्‍ती के पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने गुरुवार को बसपा से नाता तोड़ लिया। बसपा के लिए यह करारा झटका है। लालमणि वर्तमान में सिद्धार्थनगर के जिला कोआर्डिनेटर थे।

loksabha election banner

लालमणि प्रसाद बचपन में ही आंबेडकर की नीतियों से प्रभावित हाेने के बाद समाज सेवा से जुड़ गए। कांशीराम के साथ मिलकर वह बसपा के लिए काम करते रहे। दो बार विधायक, एक बार मंत्री और एक बार सांसद रहे लालमणि पिछले चुनाव में विहार प्रांत के प्रभारी भी रह चुके हैं। होश संभालने से लेकर 65 साल की उम्र तक बसपा जैसी पार्टी के साथ पूरी निष्ठा के साथ जुड़े रहने वाले इस वरिष्ठ नेता के पार्टी छोड़ने के फैसले की चर्चा पूरे दिन मंडल के बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों के गली और चौराहों पर होती रही।

समाजवादी पार्टी से प्रभावित हैं लालमणि

पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने कहा कांग्रेस और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू हैं। इनकी राजनीति देश और समाज को तोड़ने वाली है। लाेहिया के आदर्शों पर चलने वाली समाजवादी पार्टी की रीति और नीति उनको अच्छी लगती है। हालांकि इसे उनके फैसले से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अभी उन्हाेंने कुछ भी तय नहीं किया है। समर्थकों से रायशुमारी के बाद ही आगे कोई फैसला लेंगे।

लालमणि का राजनीतिक सफर

लालमणि पहली बार 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में हैंसर बाजार विधान सभा सीट से चुनाव लड़े और विजयी घोषित हुए। वर्ष 1996 के मध्यावधि चुनाव में जनता ने दोबारा क्षेत्र का विधायक चुना। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बस्ती से प्रत्याशी बनाया और एक बार फिर निर्वाचित हुए। वर्ष 2009 के चुनाव में पार्टी ने चेहरा बदल दिया। इस चुनाव में पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी के भतीजे अरविंद चौधरी को टिकट मिल गया और वह विजयी हो गए। तब से लालमणि लगातार बसपा के संगठनात्मक कार्यों में ही लगे रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.