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गोरखपुर शहर में तीन दिन से भटक रहे थे कोल इंडिया धनबाद के पूर्व जीएम Gorakhpur News

28 दिसंबर की शाम को बिना किसी को बताए सुदर्शन घर से निकल गए। देर शाम तक खोजबीन करने के बाद पता न चलने पर परिवार के लोगों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। 29 दिसंबर को ट्रेन से सुदर्शन गोरखपुर पहुंचे। स्‍टेशन के बाहर परिसर में बैठ गए।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 05:02 PM (IST)
गोरखपुर शहर में तीन दिन से भटक रहे थे कोल इंडिया धनबाद के पूर्व जीएम Gorakhpur News
जीआरपी थाने में कुर्सी पर बैठे हुए कोल इंडिया धनबाद के पूर्व जीएम सुदर्शन सिंह।

गोरखपुर, जेएनएन। कोल इंडिया धनबाद के पूर्व जीएम (महाप्रबंधक) तीन दिन से शहर में भटक रहे थे। परिवार के लोगों ने भोपाल में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। यात्री मित्र के सूचना देने पर जीआरपी थाना प्रभारी व दारोगा थाने ले आए थे। गांव का नाम व पता बताने पर गूगल की मदद से स्‍थानीय थानेदार को फोन कर मुखिया का नंबर लेकर घरवालों को जानकारी दी। शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे भाई व रिश्‍तेदार पूर्व जीएम को घर ले गए।

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ब्रेन हैमरेज से बिगड़ गई मानसिक स्थिति

रोहतास (बिहार) के पवनी गांव निवासी सुदर्शन सिंह कोल इंडिया धनबाद में जीएम थे। दो साल पहले ब्रेन हैमरेज होने से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। जिसके बाद से वह पत्‍नी सुशीला व छोटे बेटे रोशन के साथ भोपाल में रहते हैं। घरवालों से वह गांव चलने की जिद कर रहे थे। 28 दिसंबर की शाम को बिना किसी को बताए सुदर्शन घर से निकल गए। देर शाम तक खोजबीन करने के बाद पता न चलने पर परिवार के लोगों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। 29 दिसंबर को ट्रेन से सुदर्शन गोरखपुर पहुंचे। स्‍टेशन के बाहर परिसर में बैठ गए। तीन दिन से उन्‍हें बैठा देख 31 दिसंबर की शाम को एक गाड़ी चालक ने यात्री मित्र को सूचना दी।

गूगल की मदद से दारोगा ने ढूंढा गांव

यात्री मित्र के जानकारी देने पर जीआरपी थाना प्रभारी उपेंद्र श्रीवास्‍तव व दारोगा दीपक चौधरी उन्‍हें थाने ले आए। पूछने पर उन्‍होंने अपना नाम सुदर्शन सिंह, पता ग्राम पवनी, जिला रोहतास बताया। जिसके बाद दारोगा ने गूगल की मदद से स्‍थानीय थानेदार का नंबर हासिल किया। उनके पवनी गांव के मुखिया का नंबर लेकर सुदर्शन के भाई वीरेंद्र को जानकारी दी। खबर मिलते ही गुरुवार की देर रात में रिश्‍तेदारों के साथ वीरेंद्र गोरखपुर पहुंचे। शुक्रवार की सुबह सुदर्शन को घर ले गए।  गोरखपुर जीआरपी थाना के प्रभारी निरीक्षक उपेंद्र श्रीवास्‍तव का कहना है कि कोल इंडिया धनबाद के पूर्व जीएम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। भटककर वह गोरखपुर आ गए थे। पूछने पर केवल अपना व गांव का नाम बता पा रहे थे। गूगल की मदद से थानेदार व मुखिया का नंबर लेकर उनके भाई को सूचना दी गई। शु्क्रवार को परिवार के लोग उन्‍हें साथ ले गए।


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