नहीं पकड़ सके लकड़ी तस्कर, वेतन से भरना पड़ा जुर्माना
पेड़ की कटान होने पर आरोपित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ ही नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। मुकदमे की विवेचना रेंजर करते हैं। जांच अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह पता करें।
गोरखपुर, जेएनएन। लकड़ी तस्करों का पता न लगा पाने पर पेड़ कटान के 18 मामलों में वन रेंजरों से जुर्माना वसूल किया गया है। कटान के एक मामले में वेतन से एक हजार रुपये की कटौती की गई है। आए दिन जंगल में कटान होती रहती है। सरकारी संपत्ति की क्षति होने पर अनिवार्य रूप से भरपाई कराए जाने का नियम है। इसलिए पेड़ की कटान होने पर आरोपित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ ही नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। मुकदमे की विवेचना रेंजर करते हैं। जिन मामलों में अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होता है, उनमें जांच अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि कटान करने वालों का पता लगाएं और मुकदमे में कार्रवाई के साथ ही जुर्माना वसूल करें।
इन मामलों में जांच अधिकारी से हुई वसूली
फरेंदा रेंज के बरड़ाड़ बीट में हुई सगौन की कटान। फरेंदा रेंज के ही गिरधरपुर बीट में हुई साखू के पेड़ की कटान। बाकी रेंज के भेलूपुर में साखू के एक पेड़ की कटान। फरेंदा रेंज में साखू के एक व सागौन के तीन पेड़ के कटान के मामले में, कैंपियरगंज रेंज के अलगटपुर में एक पेड़ साखू की कटान। बांकी रेंज के भेलमपुर कंपार्टमेंट नं. चार में एक पेड़ साखू की कटान। फरेंदा रेंज के जंगल सरकार में साखू व सागौन के चार पेड़ की कटान। कैंपियरगंज वन रेंज के भारी बब्बन कंपार्टमेंट नं. एक में साखू के एक पेड़ की कटान। बांकी रेंज के दक्षिणी बांकी कंपार्टमेंट नं. दो में एक पेड़ साखू की कटान। फरेंदा रेंज के गिरगिट चौराहे, भेलमपुर और सरकारी जंगल में साखू की कटान। बांकी रेंज के भेलमपुर कंपार्टमेंट नं. तीन में एक पेड़ साखू की कटान। तिनकोनिया रेंज के भेलमपुर और चंदन माफी में एक-एक पेड़ साखू की कटान। तिनकोनिया रेंज के कंपार्टमेंट नंबर तीन में सागौन की कटान। तिनकोनिया रेंज के रामगढ़ साखू के एक पड़ की कटान। तिनकोनिया रेंज के रामगढ़ कंपार्टमेंट नंबर चार में साखू के पेड़ की कटान। कैंपियरगंज रेंज के भारीबैसी टांगिया में एक पेड़ सागौन की कटान।
प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि पेड़ों की कटान राजकीय संपत्ति के नुकसान की श्रेणी में आता है। आरोपित से जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। यदि आरोपित का पता नहीं लग पाता है तो जुर्माने की वसूली जांच अधिकारी से की जाती है। इसी नियम के तहत जांच अधिकारियों से जुर्माना वसूला गया है।