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Chhath puja : छठ घाट और उमड़ी आस्‍था को अपलक देखते रहे विदेशी मेहमान, जानें-रूसी सैलानियों ने क्‍या कहा Gorakhpur News

रूसी पर्यटक शनिवार की सुबह रामाभार बुद्ध कालीन हिरण्यवती नदी के किनारे बुद्धा घाट पर पहुंचे तो वहां बने छठ घाट की सजावट सुंदरता एवं श्रद्धालु महिलाओं को देख अभिभूत हो गए।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 09:56 AM (IST)
Chhath puja : छठ घाट और उमड़ी आस्‍था को अपलक देखते रहे विदेशी मेहमान, जानें-रूसी सैलानियों ने क्‍या कहा Gorakhpur News
Chhath puja : छठ घाट और उमड़ी आस्‍था को अपलक देखते रहे विदेशी मेहमान, जानें-रूसी सैलानियों ने क्‍या कहा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सूर्य उपासना से जुड़े छठ पर्व की व्यापकता भारत तक ही सीमित नहीं है। विश्व के अनेक देशों में जहां भारतवासी रह रहे हैं, वहां भी पूरे श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। कुशीनगर में भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली भ्रमण के लिए पहुंचे रूसी पर्यटक शनिवार की सुबह रामाभार बुद्ध कालीन हिरण्यवती नदी के किनारे बुद्धा घाट पर पहुंचे तो वहां बने छठ घाट की सजावट, सुंदरता एवं श्रद्धालु महिलाओं को देख अभिभूत हो गए। उन्‍होंने कहा कि हमारे देश में भी भारतीय इस पर्व को बड़े ही घूमघाम एवं श्रद्धाभाव से मनाते हैं। आज यहां इस पर्व की हमें व्यापकता देखने को मिली जो आश्‍चर्य और अचंभित करने वाला है। उन्होंने भारतवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं।

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हमने त्‍योहारों के बारे में सुना था, आज देख भी लिया

मारिया एरोकनिवा ने कहा कि रूस में हिंदू मंदिर कम है, लेकिन भारत के पर्व उत्सवों, तीज, त्याहारों व समृद्ध, सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में हमने सुना और पढ़ा है। आज देखने का भी अवसर मिल गया।

ऐसी श्रद्धा किसी और देश में नहीं

सर्गेई कुतलुनिन ने कहा कि पहली बार दीपावली और छठ पर्व के अवसर पर भारत आए हैं। यहां के पर्व में श्रद्धा और समर्पण का जो दृश्य देखने को मिला है वह दुनिया के किसी अन्य स्थान पर नहीं दिखता।

अब पता चला छठ का महत्‍व

नतालिवो बिरीनकोवा ने कहा कि कुशीनगर भ्रमण के दौरान रामाभार स्तूप के निकट हिरण्यवती नदी के बुद्धा घाट पर पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि आज छठ का उत्सव मनाया जा रहा है। हम लोगों ने यहां के लोगों से त्योहार के बारे में जानकारी ली तो इसके महत्व का आभास हुआ।

रूस में भारतीय समुदाय को भी बताएंगे

लगोर निवलिया ने कहा कि हम लोग जब इस अवसर पर रूस में रहेंगे तो वहां के भारतीय समुदाय से मिलकर इस पर्व के बारे में और विस्तृत जानकारी लेंगे। यहां यह सबकुछ देखने के बाद उत्सुकता बढ़ी है। 


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