गोरखपुर में 26 वर्षों से विश्वास पर खरा उतर रहा माखनभोग
ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार व क्वालिटी पर विशेष फोकस करते हैं। दुकान से ज्यादा नजर कारखाने पर होती है जहां मिठाई तैयार की जाती है। ग्राहकों से फीडबैक लिया और सुझावों पर काम किया। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग मिठाई लेने यहां आते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। यूं तो शहर में मिठाई की सैकड़ों दुकानें हैं, लेकिन जब बात क्वालिटी और जायका की हो तो कुछ चुनिंदा नाम ही उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। उनमें से एक है सिनेमा रोड स्थित माखनभोग। यह शहर की एक मात्र दुकान है जहां हर मिठाई के सामने रेट कार्ड के साथ बेस्ट बिफोर का भी उल्लेख किया जाता है। कोरोना काल में दुकान की विश्वसनीयता और बढ़ गई। इस दौरान ग्राहकों की सुविधा के लिए डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया। इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी कम रहता है।
दुकान से ज्यादा नजर कारखाने पर
माखनभोग के मालिक संतोष केशवानी कहते हैं कि 26 सालों से ग्राहकों की कसौटी पर खरा उतरते आ रहे हैं। ग्राहकों के साथ अच्छा व्यवहार व क्वालिटी पर विशेष फोकस करते हैं। दुकान से ज्यादा नजर कारखाने पर होती है जहां मिठाई तैयार की जाती है। ग्राहकों से फीडबैक लिया और सुझावों पर काम किया। यही वजह है कि दूर-दूर से लोग मिठाई लेने यहां आते हैं। खासकर मोतीचूर का लड्डू पूरे शहर में मशहूर है। इसके अलावा ग्राहकों की पंसद को ध्यान में रखते हुए पचास से ज्यादा किस्म की मिठाई तैयार कर जाती है। लाकडाउन के दौरान दुकान खुलने पर हमने शारीरिक दूरी को लेकर विशेष सतर्कता बरती। प्रतिष्ठान के भीतर रस्सी बांधी गई थी, ताकि ग्राहकों के बीच दो गज की दूरी बनी रहे। अब भी ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर हम सतर्क हैं।
गूगल ने राह की आसान
कारोबार को रफ्तार दिलाने में क्वालिटी, कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ-साथ गूगल का भी बड़ा योगदान है। गूगल पर स्वीट््स शाप सर्च करते ही सबसे ऊपर माखनभोग का नाम दुकान के लोकेशन के साथ आ जाता है। ग्राहक मिठाई का आर्डर देते जिसे हम सुरक्षित उनके घर पहुंचाते। ग्राहक के पास नगदी न होने पर गूगल-पे बिल का भुगतान ले लेते। इस वजह से भी ग्राहक दुकान से जुड़ते चले गए। गूगल के चलते कारोबार को रफ्तार देने में आसानी हो गई।
नवरात्र पर विशेष मिठाई
नवरात्र में व्रत रखने वाले ग्राहकों के लिए विशेष तौर पर मिठाई तैयार कराई गई है। कई ऐसे ग्राहक हैं जो तकरीबन 20 सालों से नवरात्र के दौरान यहां से मिठाई ले जाते हैं। प्रतिष्ठान की लोकप्रियता केवल शहर में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक है। मिठाइयों का आर्डर बुक करने के लिए ग्राहकों का दुकान पर आना जरूरी होता है। लोग फोन या वाट््सएप पर मैसेज कर आर्डर बुक करा देते हैं।
सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर लेते हैं हिस्सा
संतोष केशवानी बताते हैं कि पिता और दादा जी से जरूरतमंदों की मदद का जज्बा पैदा हुआ। कोरोना काल के दौरान पचासों जरूरमंदों की मदद की, लेकिन कभी किसी की जाति-धर्म के बारे में नहीं पूछा। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और हम सबको उसका पालन करना चाहिए। अगर भगवान ने हमें कुछ दिया है तो उसके एक हिस्से पर गरीबों का भी हक है। हमें शुक्रगुजार होना चाहिए उस ऊपर वाले का जिसने हमें लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनाया।