इस माह टूट सकता है कोहरे का रिकार्ड, भीषण ठंड की मिल रही चेतावनी Gorakhpur News
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में अबतक नवंबर महीने में इससे पहले 2016 में 13 और 2018 में 14 दिन कोहरे वाले रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। दिसंबर-जनवरी में पडऩे वाली भीषण ठंड से पहले कोहरे ने उसकी भूमिका तैयार करनी शुरू कर दी है। नवंबर के पहले 19 दिन में कोहरे का आंकड़ा इसकी तस्दीक है। 19 में से 14 दिन कोहरे वाले रहे हैं और बाकी के 11 दिन में सात दिन और कोहरा पडऩे का अनुमान है। यदि पूर्वानुमान सही होता है तो पूरे महीने में कोहरे वाले दिनों की संख्या 21 पहुंच जाएगी और यह नवंबर बीते 20 वर्ष के नवंबर के मुकाबले सर्वाधिक कोहरे वाला महीना होगा।
रिकार्ड की बन रही स्थिति
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में अबतक नवंबर महीने में इससे पहले 2016 में 13 और 2018 में 14 दिन कोहरे वाले रहे हैं। ऐसे में यदि इस बार पूर्वानुमान के मुताबिक नवंबर में 21 दिन कोहरा पड़ गया तो यह बीते 20 वर्ष का रिकार्ड होगा। पांडेय ने बताया कि वर्तमान वायुमंडलीय माहौल के अध्ययन से जो परिणाम सामने आए हैं, उससे यह रिकार्ड बनना तय सा है। 2018 के पूरे नवंबर में कोहरे वाले दिनों की बराबरी 2019 के नवंबर ने 19 दिन में ही कर ली है।
इन वजहों से बढ़े कोहरे वाले दिन
मौसम विशेषज्ञ पांडेय बताते हैं कि कोहरे की पृष्ठभूमि तब तैयार होती है, जब वातावरण की अधिकतम नमी लगातार 75 फीसद या उससे अधिक बनी रहती है और वायु और नमी के तापमान का अंतराल 2.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। इस बार के नवंबर में शुरुआत से ही यह वायुमंडलीय स्थिति बनी हुई है।
पछुआ हवाओं ने गिराया शहर का पारा
मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमान के मुताबिक जैसे ही पछुआ हवाओं की रफ्तार तेज हुई गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों का पारा गिर गया। मंगलवार को गोरखपुर का अधिकतम तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। सोमवार को अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान 28.1 व 16.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था।
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि मंगलवार का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस कम है तो न्यूनतम तापमान एक डिग्री। मंगलवार को निचले वायुमंडल में 15 किलोमीटर की रफ्तार से पछुआ हवाएं चली हैं। यह हवाएं साइबेरिया से ठंड लेकर आ रही हैं। इन हवाओं के चलने का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा, सो तापमान में गिरावट का क्रम भी बना रहेगा। उधर उत्तर-पश्चिम के पहाड़ों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसकी वजह से दो-तीन में जम्मू-कश्मीर और पश्चिमी पाकिस्तान में बारिश की संभावना भी है। यह बारिश भी पूर्वी उत्तर प्रदेश की ठंड बढ़ाएगी।