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देवरहा बाबा आश्रम में घुसा सरयू नदी के बाढ़ का पानी, खतरे के निशान से 91 सेमी ऊपर बह रही नदी

देवरिया जिले में मईल गांव के पास देवरहा बाबा का आश्रम है। इस आश्रम के प्रति लोगों की काफी श्रदधा है। आश्रम में सरयू नदी के बाढ का पानी घुस गया है। आने-जाने के लिए नाव लगाई गई है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 11:15 AM (IST)
देवरहा बाबा आश्रम में घुसा सरयू नदी के बाढ़ का पानी, खतरे के निशान से 91 सेमी ऊपर बह रही नदी
देवरिया के मईल में देवरहा बाबा आश्रम में घुसा बाढ का पानी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देवरिया जिले में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के चलते देवरहा बाबा आश्रम मईल में बाढ़ का पानी घुस गया है। आश्रम को जाने वाली सड़क पानी में डूब गया है। तहसील प्रशासन ने आश्रम तक जाने के लिए नाव की व्यवस्था की है। नदी के जलस्‍तर में लगातार हो रही वृद्धि से लोगों में दहशत का माहौल है।

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पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से बढ रहा जलस्‍तर

पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते सरयू नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। केंद्रीय जल आयोग के तुर्तीपार गेज के अनुसार, सरयू नदी भागलपुर में खतरे के निशान से 91 सेमी ऊपर बह रही है। चौबीस घंटे में जलस्तर में 10 सेमी की बढ़ोत्तरी मापी गई है। जलस्तर बढऩे से तटवर्तीय गांव भागलपुर, बलिया उत्तर, बलिया दक्षिण, सहियागढ़, तकिया, धरहरा, देवसिया, नरियांव, मईल, नरङ्क्षसहडाड़, तेलिया कला समेत अन्य गांवों के लोग भयभीत हैं। गोड़वली गांव के संपर्क मार्ग पर पानी बह रहा है।

आश्रम की गायों को चारे की समस्या

देवरहा बाबा आश्रम में पानी पहुंचने के बाद भी आश्रम के महंत श्यामसुंदर दास अपने शिष्यों व गायों के साथ रुके हैं। उनका कहना है कि अब जहरीले जीव-जंतु निकल रहे हैं। पशुओं के लिए प्रशासन को चारे की व्यवस्था करनी चाहिए। नदी के जलस्तर बढऩे से छित्तूपुर रेग्युलेटर पर दबाव बढ़ गया है। जमुआर नाला उफान पर है। सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गई हैं। किसान परेशान हैं।

नदियों के जलस्तर में वृद्धि से उड़ी नींद

राप्ती व गोर्रा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से दोआबा के लोग सहम गए हैं। तीन जगहों मंगलवार को बंधे से रिसाव शुरू हो गया। मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने काफी प्रयास के बाद रिसाव बंद किया। मंगलवार की शाम गोर्रा 71.60 मीटर व राप्ती 71.25 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। गोर्रा खतरे के निशान से 1.10 मीटर तो राप्ती 75 सेमी ऊपर बह रही है। दोनों नदियों का खतरे का निशान 70.50 मीटर है। यदि जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो राप्ती नदी पर निर्मित 49.145 किमी लंबाई के सात, गोर्रा नदी पर 39.525 किमी लंबाई के छह तटबंधों के टूटने का खतरा बढ़ जाएगा। बथुआ नाले में उफान आ जाएगा। बेलवा जमींदारी तटबंध, तिघरा-मराक्षी, नरायनपुर औराई, बहोरादलपतपुर , ईश्वरपुरा, करनपुरा, मांझानरायन, बनकटी, भेड़ी सहित बारह से अधिक तटवर्ती गांवों पर नदियों का लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के पिडऱा भुसऊल, करनपुरा, जगत मांझा के समीप बंधे से रिसाव शुरू हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर सिंचाई विभाग की टीम पहुंची और रिसाव को बंद किया।

दोआबा में धंसने लगी सड़कें

दोआबा में बजरंग चौराहे से अंधा मोड़ से गोरखपुर सीमा तक, असवनपार पुल मार्ग पर करीब 25 से अधिक स्थानों पर सड़कें धंस चुकी हैं। जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है।


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