गोरखपुर के जंगलों में घुसा बाढ़ का पानी, स्टीमर से गश्त शुरू
कैंपियरगंज वन रेंज में स्थित सरुआ और परगापुर ताल बरसात के दिनों में भर जाता है। जिसकी वजह से कैंपियरगंज और फरेंदा जंगल का बड़ा हिस्सा बाढ़ प्रभावित हो जाता है। इस इलाके में सक्रिय वन तस्कर ताल के रास्ते नाव से बाढ़ प्रभावित जंगल में पहुंच जाते हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बारिश का सीजन शुरू होते ही बढ़ प्रभावित जंगल में कटान करने वाले लकड़ी तस्करों पर लगाम लगाने के लिए वन विभाग ने इस साल कमर कस ली है। कैंपियरगंज और फरेंदा जंगल का बड़ा इलाका बरसात के सीजन में परगापुर और सरुआताल में बाढ़ आ जाने पानी में डूब जाता है। इसका लाभ उठाकर लकड़ी तस्कर बाढ़ प्रभावित जंगल में बढ़े पैमाने पर कटान करने में सफल हो जाते थे। इस पर रोक लगाने के लिए वन सुरक्षाकर्मी इस साल अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होकर स्टीमर से बाढ़ प्रभावित जंगल में गश्त करेंगे। रविवार से इसकी शुरूआत भी हो गई।
दो तालों के कारण आता है बाढ़ का पानी
कैंपियरगंज वन रेंज में स्थित सरुआ और परगापुर ताल बरसात के दिनों में भर जाता है। जिसकी वजह से कैंपियरगंज और फरेंदा जंगल का बड़ा हिस्सा बाढ़ प्रभावित हो जाता है। इस इलाके में सक्रिय वन तस्कर ताल के रास्ते नाव से बाढ़ प्रभावित जंगल में पहुंच जाते हैं। पेड़ों की कटान करने के बाद पानी के सहारे बोटा बहाकर सुरक्षित स्थान पर लेकर चले जाते हैं। कई वन तस्कर बाढ़ के पानी में ही लकड़ी के बोटे दबा देते हैं। बाद में अपनी सुविधानुसार उन्हें निकाल ले जाते हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार के निर्देश पर पिछले वर्ष बाढ़ प्रभावित जंगल में अभियान चलाकर बढ़े पैमाने पर लकड़ी के बोटे बरामद किए गए थे। इस अभियान के लिए प्रभागीय वनाधिकारी के अनुरोध पर जिला प्रशासन ने स्टीमर उपलब्ध कराया था। इस साल प्रभागीय वनाधिकारी के प्रयास से वन विभाग ने खुद का स्टीमर खरीद लिया है। स्टीमर से गश्त करने वाले वन सुरक्षाकर्मी लेजर टार्च, वाकी टाकी, स्मार्ट स्टीक तथा सुरक्षा से जुड़े इलेक्ट्रानिक उपकरणों से लैस रहेंगे।
बाढ़ के दिनों में 10 गिरोह करते हैं कटान
बाढ़ के दिनों में कैंपियरगंज व फरेंदा जंगल में कटान करने वाले लकड़ी तस्करों के 10 गिरोहों को वन विभाग ने चिह्नित कर रखा है। इन गिरोहों के सदस्यों के विरुद्ध कैंपियरगंज और फरेंदा थाने में लकड़ी कटान के कई मुकदमे भी दर्ज हैं। इनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई भी प्रक्रिया में है। वन विभाग ने इस साल इन गिरोहों के सदस्यों पर भी नजर रख रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि बारिश के मौसम में कैंपियरगंज और फरेंदा जंगल का बड़ा हिस्सा बाढ़ प्रभावित हो जाता है। यहां गश्त करना मुश्किल हो जाता है। विभाग के पास अब स्टीमर उपलब्ध हो गया। इससे गश्त करने में आसानी होगी।