न्यूनतम दृश्यता में भी निर्बाध हो सकेगी उड़ान
एयरपोर्ट के लिए आइएलएस की हुई खरीद अब भूमि का इंतजार
न्यूनतम दृश्यता में भी निर्बाध हो सकेगी उड़ान
कुशीनगर: कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से विमानों के सुरक्षित परिचालन के लिए एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) की खरीद कर ली है। इसको लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा क्रय की गई भूमि का स्वामित्व प्राप्त होने की देर है। इस सिस्टम के लिए के लिए एएआइ 10 करोड़ रुपये खर्च करेगा। सिस्टम लगने के बाद न्यूनतम दृश्यता में भी विमानों की निर्बाध उड़ान हो सकेगी।
वर्तमान में इस एयरपोर्ट से मात्र दिल्ली के लिए उड़ान हो रही है। उड़ान की संख्या बढ़ाने में एयरपोर्ट पर आइएलएस सिस्टम का न होना बड़ी बाधा है। यही वजह है कि विमानन कंपनियां सुदूर स्थानों के लिए सेवा शुरू करने से पीछे हट रही हैं। इसके लगने के बाद से जहाज कोहरे व बारिश के दौरान न्यूनतम दृश्यता में भी रन-वे पर लैंड व टेकआफ कर सकेंगे।
27 अक्टूबर को हुआ था सर्वे
नागर विमानन मुख्यालय दिल्ली के संयुक्त महाप्रबंधक एसएस राजू के नेतृत्व में 27 अक्टूबर 2021 को उच्च स्तरीय टीम सर्वे के लिए कुशीनगर एयरपोर्ट आई थी। टीम में एडी तरुण गुप्ता व सहायक महाप्रबंधक मोहम्मद नसीम शामिल थे। एयरपोर्ट पर आइएलएस के पार्ट डीवीओआर (डाप्लर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज) लोकलाइजर, ग्लाइड पाथ आदि लगाए जाने का सर्वे कर रिपोर्ट मुख्यालय को दी थी।
एयरपोर्ट कुशीनगर के निदेशक एके द्विवेदी ने बताया कि आइएलएस एक परफेक्ट नेविगेशनल उपकरण है। बाधा रहित उड़ान के लिए सिस्टम का लगना जरूरी है। उड़ान के लिए अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों की यह पहली शर्त होती है। आइएलएस की खरीद हो चुकी है। सिस्टम लगने में छह माह का समय लगेगा। कार्य शुरू होने में भूमि के हैंडओवर होने की देरी है।
भूमि स्थानांतरण की चल रही प्रक्रिया
तहसीलदार कसया मांधाता प्रताप सिंह ने बताया कि आइएलएस लगाने के लिए 547 किसानों की 30 एकड़ के सापेक्ष 99 प्रतिशत भूमि क्रय का कार्य पूरा हो चुका है। चार किसान कोर्ट गए हैं। दो किसान विदेश में हैं। एएआइ को भूमि स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है। शासन से निर्देश मिलते ही इसे पूरा कर दिया जाएगा।