Move to Jagran APP

कुवैत में पूर्वांचल के पांच हजार लोगों की नौकरी खतरे में Gorakhpur News

कुवैत की संसदीय समिति प्रवासी नागरिकों की संख्या कम करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इस बिल के लागू होने के बाद भारतीयों की नौकरी पर संकट आ जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 10:16 PM (IST)
कुवैत में पूर्वांचल के पांच हजार लोगों की नौकरी खतरे में Gorakhpur News
कुवैत में पूर्वांचल के पांच हजार लोगों की नौकरी खतरे में Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कुवैत की संसदीय समिति ने हाल में ही प्रवासी नागरिकों की संख्या कम करने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। यदि यह बिल वहां की संसद में पास होता है, तो आठ लाख भारतीयों को देश छोडऩा पड़ सकता है। गोरखपुर व बस्ती मंडल के करीब पांच हजार युवा वर्षों से कुवैत में विभिन्न सेक्टरों में कार्यरत हैं, जिनके लिए यह बिल खतरा बन सकता है। खाड़ी देशों में अन्य के मुकाबले कुवैत में ज्यादा वेतन मिलता है, इसलिए बीते कुछ वर्षों में कुवैत जाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

prime article banner

पूर्वांचल के इन जिलों गए हैं कुवैत में नौकरी करने

गोरखपुर के अलावा, देवरिया, बस्ती, महराजगंज, कुशीनगर एवं सिद्धार्थनगर आदि जिलों के बड़ी संख्या में युवा सऊदी अरब, यूएई, कतर और कुवैत में नौकरी करते हैं। बीते पांच वर्षों में सऊदी अरब और यूएई में नौकरियां कम हुईं, तो कामगारों ने कतर और कुवैत का रुख कर दिया। सबसे ज्यादा लोग कुवैत की पेट्रोलियम कंपनियों में कार्यरत हैं। कुवैत में प्‍लानिंग इंजीनियर रह चुके मोहम्मद कैफी आजम ने बताया कि सिर्फ कुवैत ही नहीं बल्कि सभी खाड़ी देशों की स्थिति खराब है। लगातार क'चे तेल की कीमतों में कमी के कारण रोजगार कम हुए हैं। प्रवासियों को वहां से निकाला जा रहा है। आशियाना ट्रेवेल्स एंड टूर प्राइवेट लिमिटेड के संचालक सिराजुल हक ने बताया कि कुवैत में ज्यादा वेतन के चलते युवा वहां जाना पसंद कर रहे थे। नया कानून बना तो लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी।

क्या है कुवैत संकट

कुवैत की नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी कोटा बिल को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रवासी भारतीयों (किसी भी एक देश के प्रवासियों की संख्या) कुवैत की आबादी के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यहां के प्रवासी समुदाय में सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। कुवैत की कुल आबादी 43 लाख है, जिसमें 30 लाख प्रवासी हैं इसमें कुल प्रवासियों में 14.5 लाख भारतीय हैं। संसद में बिल पास होने पर भारतीयों की संख्या 6.5 लाख तक सीमित कर दी जाएगी। इससे भारत सरकार को रेमिटेंस (वहां के प्रवासी जो पैसा अपने घर भेजते हैं) के रूप में बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK