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Driving License: साढ़े पांच हजार अभ्यर्थियाें को नहीं मिल रहा टेस्ट का डेट

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए गोरखपुर में साढ़े पांच हजार ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन तो कर दिया है लेकिन टेस्ट का डेट नहीं मिल पा रहा है। आवेकों की बढ़ती संख्या को लेकर परिवहन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 07:41 PM (IST)
Driving License: साढ़े पांच हजार अभ्यर्थियाें को नहीं मिल रहा टेस्ट का डेट
गोरखपुर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए

गोरखपुर, जेएनएन। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। अभी भी साढ़े पांच हजार ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन तो कर दिया है लेकिन टेस्ट का डेट नहीं मिल पा रहा है। आवेकों की बढ़ती संख्या को लेकर परिवहन विभाग की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। 

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लाइसेंस जारी करने की यही रफ्तार रही तो अभ्यर्थियों को अभी और छह माह इंतजार करना पड़ सकता है। अब तो नए आवेदन पर भी डेट नहीं मिल रहा। अभ्यर्थियों को रात भर जागना पड़ रहा है। रात 1.00 बजे आसपास डेट के लिए विभाग का सारथी वेबसाइट खुलता है। मिनटों में ही 120 अभ्यर्थियों का स्लाट (निर्धारित संख्या) भर जाता है। सैकड़ो अभ्यर्थी डेट लेने के लिए रात भर जग रहे हैं। 

रोजाना सिर्फ 120 लोगों का ही होता है टेस्ट

परिवहन कार्यालय में रोजाना 40-40 के तीन शिफ्ट में कुल 120 अभ्यर्थियों का ही टेस्ट लिया जा रहा है। जो अभ्यर्थी किन्हीं कारणों से नहीं पहुंच पाते, उन्हें दूसरे दिन बुलाया जाता है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्याम लाल के अनुसार संक्रमण को देखते हुए निर्धारित संख्या में ही अभ्यर्थियों को टेस्ट के लिए बुलाया जा रहा है।

मुख्यालय लखनऊ ही निर्धारित करता है स्लाट

टेस्ट देने वाले अभ्यर्थियों के स्लाट का निर्धारण मुख्यालय लखनऊ ही कर रहा है। इसके चलते स्थानीय स्तर पर परेशानी और बढ़ गई है। सामान्य दिनों में जिला मुख्यालय अपनी सुविधानुसार स्लाट निर्धारित कर लेते थे। अब तो स्लाट बढ़ने के बाद ही अभ्यर्थियों को सहूलियत मिल पाएगी।

लॉकडाउन में भी होता रहा ऑनलाइन आवेदन

लॉकडाउन में भी परिवहन विभाग के वेबसाइट पर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन होते रहे। जबकि, कार्यालय बंद थे। विभाग को जब होश आया तो आनन-फानन वेबसाइट बंद किया गया। तबतक आठ हजार से अधिक आवेदन हो गए थे। लॉकडाउन में किए गए आवेदन विभाग के लिए गले की फांस बने हुए हैं।


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