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नहीं मिल रहा केरोसिन तेल, कागज और पालीथिन से जल रही आग- बढ़ रहा प्रदूषण

कोटे की दुकान से मिट्टी तेल मिलना बंद हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है। उज्ज्वला योजना के तहत घर-घर गैस चूल्हा पहुंचाकर यह मान लिया गया कि घरों में मिट्टी के तेल की अब कोई जरूरत नहीं है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 12:05 PM (IST)
नहीं मिल रहा केरोसिन तेल, कागज और पालीथिन से जल रही आग- बढ़ रहा प्रदूषण
नहीं मिल रहा केरोसिन तेल, कागज और पालीथिन से जल रही आग- बढ़ रहा प्रदूषण। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर जिले के कसया इलाके में सरकारी सस्ते-गल्ले की दुकानों से केरोसिन तेल का वितरण क्या बंद हुआ, बाजार में मिट्टी का तेल मिलना ही बंद हो गया। आलम यह है कि ठिठुरन व ठंड बढ़ने के बाद घर-घर में लोगों को बुजुर्गों के लिए अलाव जलाना पड़ रहा है। इसे जलाने के लिए मजबूरी में लोगों को कहीं कागज तो कहीं पालीथिन का सहारा लेना पड़ रहा है। पालीथीन जलने के चलते इससे निकलने वाले गैस से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है तो पर्यावरण के लिए भी यह घातक है।

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कोटे की दुकान पर एक साल से नहीं मिल रहा केरोसिन का तेल

कोटे की दुकान से मिट्टी तेल मिलना बंद हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है। उज्ज्वला योजना के तहत घर-घर गैस चूल्हा पहुंचाकर यह मान लिया गया कि घरों में मिट्टी के तेल की अब कोई जरूरत नहीं है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में गैस सिलेंडर होने के बावजूद गृहणियां अभी भी उपले व लकड़ियों पर भोजन पकाती हैं। मिट्टी का तेल न मिलने से गांवों में निवास करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के समय अलाव आदि जलाने के लिए लोग केरोसिन तेल न होने पर कागज या पालीथिन के सहारे आग जला रहे, जो सेहत को क्षति पहुंचा रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

वरिष्ठ चिकित्सक एवं हृदय रोग विशेषज्ञ अरुण पांडेय कहते हैं कि पालीथिन जलने से उससे निकलने वाला गैस शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। यह सांस के रोगियों तथा कमजोर फेफड़े के लोगों के स्वास्थ्य के लिए मुसीबत का कारण बन सकती है।

पर्यावरण के लिए घातक है पालीथिन

वरिष्ठ चिकित्सक डा. आरएस यादव ने बताया कि पालीथीन किसी भी हालत में नहीं जलाना चाहिए। इसका प्रभाव शरीर व पर्यावरण दोनों पर पड़ता है। अलाव पहले कागज अथवा घास-फूस से जलाने का प्रयास किया जाए तो वह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ज्यादा खतरनाक नहीं होगा।

पालीथिन जलाने वालों पर होगी कार्रवाई

एसडीएम कसया वरुण कुमार पांडेय ने कहा कि पालीथीन को बेचना और इसका प्रयोग पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसका प्रयोग स्वस्थ और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है। पालीथीन जलाते व प्रयोग करते यदि कोई पकड़ा गया तो उसके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाई की जाएगी।


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