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BRD Medical College Gorakhpur में आग लगने से इंसेफ्लाइटिस वार्ड में काफी नुकसान, बड़ा हादसा टला

BRD Medical College Gorakhpur में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। सुबह सेंट्रल लांड्री में आग लग गई। वहां कोई अग्नि शमन यंत्र नहीं था। कर्मचारियों ने आनन-फानन में पानी से आग बुझाई। इस दौरान इंसेफ्लाइटिस वार्ड की 54 चादरों का गट्ठर जल गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 10:50 AM (IST)
BRD Medical College Gorakhpur में आग लगने से इंसेफ्लाइटिस वार्ड में काफी नुकसान, बड़ा हादसा टला
बाबा राघव दास मेडिकल कालेज गोरखपुर। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। सुबह सेंट्रल लांड्री में आग लग गई। वहां कोई अग्नि शमन यंत्र नहीं था। कर्मचारियों ने आनन-फानन में पानी से आग बुझाई। इस दौरान इंसेफ्लाइटिस वार्ड की 54 चादरों का गट्ठर जल गया।

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कर्मचारियों ने पानी से बुझाई सेंट्रल लांड्री में लगी आग, नहीं थे अग्नि शमन यंत्र

सुबह कर्मचारी कपड़े धो रहे थे। इसी बीच स्टरलाइज करने वाली मशीन में जाने वाले बिजली केबिल में शार्ट सर्किट से आग लग गई, जो पास में रखे चादरों के गट्ठर तक पहुंच गई। जब तक कर्मचारी बुझाते गट्ठर में बंधी 54 चादरें जल गईं। आग यदि रात को लगती तो करोड़ों का नुकसान हो सकता था। लांड्री में दो हजार चादरें रखी हुई थीं। करोड़ों रुपये की वहां मशीनें लगी हैं। ज्यादार पुरानी हो गई हैं। बार-बार मांग के बावजूद इन्हें बदला नहीं जा रहा है। जिस स्टरलाइज मशीन के केबिल में शार्ट सर्किट हुई, वह काफी दिन से प्रयोग में नहीं लाई जा रही थी।

सेंट्रल लांड्री के सामने हैं आक्सीजन की दो टंकियां

सेंट्रल लांड्री के सामने आक्सीजन की 10-10 हजार लीटर की दो टंकियां हैं। बावजूद इसके लांड्री की सुरक्षा के प्रति कालेज प्रशासन लापरवाह है। स्थिति यह है कि वहां कोई अग्निशमन यंत्र तक नहीं लगा है। केबिल व मशीनें काफी पुरानी हो गई हैं, उन्हें बदला नहीं जा रहा है।

लांड्री के ठीक पीछे हैं दो वार्ड

सेंट्रल लांड्री के ठीक पीछे वार्ड नंबर एक व दो हैं। साथ ही सटे एनेस्थीसिया विभाग है, जिसके ऊपरी मंजिल पर सभी विभागों के 14 आपरेशन थियेटर हैं। यदि कर्मचारी मौजूद नहीं होते तो आग वार्ड व आपरेशन थियेटर तक पहुंच सकती थी। वहां से तीन सौ फीट की दूरी पर ट्रामा सेंटर है। जहां गंभीर मरीज भर्ती होते हैं।

खराब पड़ी हैं मशीनें

सेंट्रल लांड्री में दो इलेक्ट्रिक प्रेस लगभग 10 वर्षों से खराब पड़े हैं। कई बार शिकायत के बाद भी कालेज प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। प्रमुख सचिव के निरीक्षण के दौरान भी इसकी शिकायत हुई थी। एक कपड़ा सुखाने वाली मशीन भी खराब पड़ी है।

खराब मशीनों को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही वहां अग्निशमन यंत्र लगा दिया जाएगा। आग लगी तो मौके पर कर्मचारी मौजूद थे। तत्काल आग पर नियंत्रण पा लिया गया। ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। - डा. राजेश कुमार राय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, नेहरू अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज।


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