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UP में एक समान पाठ्यक्रम पर आज हो सकता है अंतिम निर्णय Gorakhpur News

UP के सभी विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम को अंतिम स्वरूप देने के लिए आज गोरखपुर में उत्‍तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियाें की बैठक हो रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 01:42 PM (IST)
UP में एक समान पाठ्यक्रम पर आज हो सकता है अंतिम निर्णय Gorakhpur News
UP में एक समान पाठ्यक्रम पर आज हो सकता है अंतिम निर्णय Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। स्नातक स्तर पर उत्‍तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में समान पाठ्यक्रम को अंतिम स्वरूप देने के लिए सोमवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक निर्धारित शुरू हुई। बैठक में गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, रुहेलखंड, प्रयागराज समेत राज्य  विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद हैं। गोरखपुर में विवि में दूसरी और समिति की सातवीं बैठक है।

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बैठक में शासन के प्रतिनिधि भी शामिल

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.विजय कृष्ण सिंह की विशेष प्रयास पर गोरखपुर में आयोजित हो रही इस बैठक में प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व विशेष सचिव उच्च शिक्षा कर रहे हैं। जबकि शासन द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में नामित प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. राजवन्त राव भी मौजूद हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि समिति की अंतिम बैठक में समान पाठ्यक्रम के प्रारूप तय होकर अग्रेतर कार्रवाई के लिए सभी विश्वविद्यालयों को भेज दिए जाएंगे। ताकि जुलाई से शुरू होने वाले आगामी सत्र में इसे लागू किया जा सके।

कुलपति सम्मेलन में लिया गया था निर्णय

लगभग दो वर्ष पूर्व तत्कालीन कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीराम नाईक की अध्यक्षता मे सम्पन्न कुलपति सम्मेलन में स्नातक स्तर पर समान पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया था। पाठ्यक्रम तैयार कराने की जिम्मेदारी बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के तत्कालीन कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे की अध्यक्षता मे गठित समिति को सौंपी गई थी।

पूर्व में हो चुकी हैं कई बैठकें

प्रो. दुबे समिति ने राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को अलग-अलग विषयों के पाठ्यक्रम तैयार करने का दायित्व सौंपा था। कला संकाय के अधिकांश विषयों के पाठ्यक्रम निर्माण का दायित्व दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के विभागों को सौंपा गया था। इसी तरह प्राप्त पाठ्यक्रमों पर विचार विमर्श एवं उनमे एकरूपता स्थापित करने के लिए अनेक बैठकों में विषय विशेषज्ञों से परामर्श भी प्राप्त किए गए। अब सबको समाहित करके उसे अंतिम रूप देने के लिए आज यह बैठक हो रही है।


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