कस्तूरबा विद्यालय की महिला शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन, परिवार के साथ आत्मदाह की चेतावनी Gorakhpur News
नए शासनादेश के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तमाम महिला शिक्षकों का सितंबर में नवीनीकरण नहीं होगा। ऐसे में इनकी नौकरी चली जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से निकाले जाने की प्रक्रिया में शामिल महिला शिक्षकों ने मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। शासन की नीतियों को गलत बताते हुए चेतावनी कि यदि उनके साथ अन्याय हुआ अथवा यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वह परिवार संग आत्मदाह करने को बाध्य होंगी। सितंबर में इनका नवीनीकरण होना है, जो नए शासनादेश के अनुसार नहीं होने वाला है।
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष देश दीपक दूबे के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में शिक्षिकाओं ने कहा है कि राज्य परियोजना द्वारा जुलाई में एक आदेश पारित कर कहा गया है कि कस्तूरबा विद्यालय में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी विषय की फुल टाइम महिला शिक्षक ही पढ़ाएंगी। जबकि अभी तक जो चयन हुआ है उसमें पूर्णकालिक व अंशकालिक महिला शिक्षक ही गत 12 वर्षों से पढ़ाती रही हैं। परियोजना द्वारा यह भी कहा गया है कि अंशकालिक महिला शिक्षक सिर्फ कंप्यूटर, गृह विज्ञान व कला ही पढ़ाएंगी।
जिले में 52 महिला शिक्षकों को नौकरी पर खतरा
ज्ञापन में कहा गया है कि इस आदेश से जनपद की 52 महिला शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। इसी तरह प्रदेश के अन्य जनपदों में भी महिला शिक्षकों को नौकरी से निकले जाने की तैयारी की गई है। राज्य परियोजना के आदेश से प्रदेश की हजारों और गोरखपुर जिले में 52 महिला शिक्षकों को नौकरी से बाहर किया जा रहा है। इस समस्या से उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई विचार नहीं किया।
ज्ञापन सौंपने वालों में अरुण कुमार सिंह, सपना श्रीवास्तव, अखिलेश कुमार, अंजना गिरि, पुष्पा त्रिपाठी, किरन लता द्विवेदी, श्रेया रानी शुक्ला, शशिकला, प्रतिभा चौहान, संजीदा बानो, लक्ष्मी भारती, बलराम शर्मा, अनुराधा सिंह, अर्चना सिंह, रीता रानी, प्रियंका त्रिपाठी, सना सगुफ्ता तथा अजय शर्मा आदि शामिल रहे।