फीडरवार बनाई जा रही है बिजली कनेक्शन की सूची, जांच में होगी आसानी Gorakhpur News
फीडर के आधार पर उपभोक्ता को जोडऩे से जांच में आसानी होगी। बिजली से जुड़ी समस्या होने पर उपभोक्ता को भी इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। टैगिंग के बाद इन उपभोक्ताओं का पूरा विवरण उपकेंद्र डैशबोर्ड पर आ जाएगा। अब किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली निगम के फीडरों से उपभोक्ताओं की टैगिंग (जोडऩे) की प्रक्रिया और तेज होगी। अब अवर अभियंताओं को भी उपभोक्ताओं की टैगिंग की जिम्मेदारी दे दी गई है। अबतक यह काम बिजली निगम की ओर से अधिकृत फर्मों ने किया था। फर्मों के जाने के बाद यह कार्यभार अधिशासी अभियंता और उप खंड अधिकारियों के पास था। पिछले दिनों ज्यादा लाइन लॉस वाले फीडरों से जुड़े उपभोक्ताओं की जांच के लिए बिजली निगम के अफसरों और विजिलेंस की टीम घघसरा उपकेंद्र के सिसई फीडर पहुंची। टीम के पास जो सूची थी, उनमें से ज्यादातर उपभोक्ताओं के नाम दूसरे फीडर से जुड़े मिले। फर्म ने गलत टैंगिंग की और इसे सुधारने का किसी के पास समय नहीं था। बिजली निगम के चेयरमैन की बैठक में भी यह प्रकरण उठा।
यह हैं टैगिंग के फायदे
मुख्य अभियंता देवेंद्र सिंह ने कहा कि फीडर के आधार पर उपभोक्ता को जोडऩे से जांच में आसानी होगी। बिजली से जुड़ी समस्या होने पर उपभोक्ता को भी इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। टैगिंग के बाद इन उपभोक्ताओं का पूरा विवरण उपकेंद्र डैशबोर्ड पर आ जाएगा। उपभोक्ता अपने बिल से जुड़ी हर तरह की जानकारी मोबाइल से ही ले सकेंगे।
सौ से अधिक गांवों में 24 घंटे गुल रही बिजली
बाघागाड़ा में फोरलेन पर टैंकर को टक्कर मारते हुए ट्रैक्टर के रेलिंग पर चढऩे से नौसढ़ से महावीर छपरा को जाने वाली 11 हजार वोल्ट की लाइन टूट गई। इसके कारण नौसढ़ उपकेंद्र का महावीर छपरा फीडर 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक बंद रहा। उमस भरी गर्मी में सौ से ज्यादा गांवों के उपभोक्ता परेेशान रहे। महावीर छपरा फीडर में तकनीकी खराबी आ गई थी। पूरे दिन की मशक्कत के बाद भी इसे ठीक नहीं किया जा सका। इस बीच रात में बाघागाड़ा में ट्रैक्टर के टक्कर से नौसढ़ से महावीर छपरा को जाने वाली लाइन टूट गई। रात में लाइन जोडऩे की कोशिश नहीं की गई। सुबह लाइन ठीक करने का काम शुरू किया गया। दोपहर बाद महावीर छपरा फीडर शुरू हुआ तो उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली।