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गोरखपुर शहर में बांग्लादेशी व इंडोनेशियन टोपी की धूम, 500 रुपये तक है इसकी कीमत

इस समय बांग्लादेशी और इंडोनिया की टोपी की धूम है। रमजान माह होने के नाते गोरखपुर शहर में इसकी बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 12:20 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 06:20 AM (IST)
गोरखपुर शहर में बांग्लादेशी व इंडोनेशियन टोपी की धूम, 500 रुपये तक है इसकी कीमत
गोरखपुर शहर में बांग्लादेशी व इंडोनेशियन टोपी की धूम, 500 रुपये तक है इसकी कीमत

गोरखपुर, जेएनएन। खुदा की इबादत की बात आए और टोपी का जिक्र न हो, यह हो ही नहीं सकता। खासकर तब, जब रमजान का महीना चल रहा हो। अब तो इस महीने का तीसरा व आखिरी अशरा भी शुरू हो चुका है। ऐसे में टोपी की बिक्री बढ़ गई है।

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टोपी की माग को देखते हुए स्थायी दुकान सजे हैं, तो कई अस्थायी दुकानदारों ने सड़क पर डेरा जमा लिया है। टोपी से चोली-दामन का साथ रखने वाला रुमाल भी इन दुकानों पर अपना वजूद पूरी मजबूती से बनाए हुए है। बाजार में दो दर्जन से ज्यादा किस्म की टोपी मौजूद है, लेकिन महंगी होने के बावजूद बांग्लादेशी एवं इंडोनेशियन टोपी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।

शहर के रेती, शाहमारुफ, घंटाघर, जाफरा बाजार, गोरखनाथ, रसूलपुर, नखास आदि क्षेत्रों में टोपियों की अनगिनत दुकानें लगी हैं। किसी को गोल टोपी पसंद है तो किसी को बांग्लादेशी। लोग अपनी पसंद और बजट के हिसाब से टोपी खरीद रहे हैं। बाजार में सबसे सस्ती टोपी 10 रुपये तो सबसे महंगी टोपी 500 रुपये में मौजूद है।

वक्त से साथ आया बदलाव

बुजुर्ग अख्तर सिद्दीकी बताते हैं कि वक्त के साथ टोपियों में बदलाव आया है। एक जमाना था मुल्क के सभी बड़े शहरों में मलमल के सफेद लिबास के साथ दुपल्ली टोपी खूब जमती थी। इस टोपी को शरीफों की निशानी मानी जाती थी। अब तो बाजार में 100 से ज्यादा तरह की टोपियां हैं। टोपी खरीद रहे जाफरा बाजार के गुलाम रसूल ने बताया कि उन्हें चाइना टोपी आराम देती है। रमजान में उसे ही पहनता हूं। ईद में घर वाले फैंसी टोपी पहनने की जिद करते हैं तो बांग्लादेश टोपी का इस्तेमाल करता हूं।

टोपी विक्रेता मोहम्मद जावेद का कहना है कि यूं तो टोपियां हमेशा बिकती हैं, लेकिन रमजान माह टोपियों की बिक्री का असल सीजन होता है। इस महीने इसकी बिक्री 50 गुना तक बढ़ जाती है।

बाजार में टोपी की किस्में

रामपुरी टोपी, भागलपुरी टोपी, चाइनीज टोपी, इंडोनेशियन टोपी, कश्मीरी टोपी, पल्ले वाली टोपी, दोपल्लिया टोपी, भटकल टोपी, बरकाती टोपी एवं अजमेरी टोपी


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