फसल बीमा में किसानों को मिला 1.77 करोड़ रुपये का मुआवजा
फसल बीमा के लिए गोरखपुर सहित इर्द-गिर्द जिलों के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी काम कर रही थी। मार्च 2020 में उसका कार्यकाल समाप्त हुआ। साढ़े तीन माह तक दूसरी किसी कंपनी का चयन ही नहीं हो सका था।
गोरखपुर, जेएनएन। फसल बीमा कंपनी का चयन पिछले वर्ष देर से हुआ था। जिले के किसानों को बीमा के लिए सिर्फ सप्ताह भर का मौका मिल सका था। बावजूद इसके गोरखपुर-आजमगढ़ के सात जिलों में गोरखपुर के किसानों को फसल क्षति का बीमा कंपनी ने सर्वाधिक 1.77 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। यह अग्रिम मुआवजा राशि है। नुकसान के सापेक्ष यह राशि सिर्फ 25 फीसद है। रिपोर्ट फाइनल होने के बाद किसानों को 75 फीसद धनराशि अभी और मिल सकती है।
फसल बीमा के लिए काम कर रही रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी
फसल बीमा के लिए गोरखपुर सहित इर्द-गिर्द जिलों के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी काम कर रही थी। मार्च 2020 में उसका कार्यकाल समाप्त हुआ। साढ़े तीन माह तक दूसरी किसी कंपनी का चयन ही नहीं हो सका था। 22 जुलाई 2020 को एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड को फसल बीमा के लिए चयनित किया गया। इससे किसानों को बीमा के लिए सिर्फ सप्ताह भर का मौका मिल सका। बीमा कंपनी द्वारा बीते 21 जनवरी को गोरखपुर सहित सात जिलों के किसानों को खरीफ फसल की क्षति भुगतान किया है। नुकसान की अभी पूरी रिपोर्ट सबमिट ना होने से किसानों को सिर्फ 25 फीसद भुगतान किया गया है। शत प्रतिशत नुकसान होने की स्थिति में फसल बीमा कंपनी द्वारा करीब 62 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। कृषि विभाग का कहना है कि किसानों को अग्रिम भुगतान इस लिए किया गया ताकि किसानों के कृषि व अन्य जरूरी कार्य प्रभावित ना हों। नुकसान का आंकलन बाढ़ व क्राप कटिंग के आधार पर हुआ है। कृषि विभाग का यह भी कहना है कि बाढ़ के चलते गोरखपुर क्षेत्र में किसानों का भारी नुकसान हुआ है।
गत वर्ष मिले थे 74 लाख रुपये
खरीफ फसल के नुकसान के लिए जिले के किसानों को वर्ष 2020 में 2019 के प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए 74 लाख का संपूर्ण मुआवजा दिया गया था। इस बार अभी अग्रिम 25 फीसद मुआवजे के रूप में 177.59 लाख रुपये दिए गए हैं। गोरखपुर में कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. संजय सिंह का कहना है कि अभी किसानों को अग्रिम 25 फीसद मुआवजा भेजा गया है। रिपोर्ट फाइनल होने के बाद शेष धनराशि भेजी जाएगी। गोरखपुर जिले में बाढ़ के चलते किसानों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई थी। इसके अलावा क्राप कटिंग के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है।