नाराज किसानों ने सहायक केन मैनेजर को बैठाया, आश्वासन पर छोड़ा
ढाढ़ा चीनी के गन्ना किसानों को सामान्य प्रजाति की पर्ची भी नहीं मिल पा रही है। इससे नाराज किसानों ने सहायक केन मैनेजर को बंधक बना लिया।
By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 07:10 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 07:10 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले में ढाढ़ा चीनी के गन्ना क्रय केंद्र से जुड़े गांवों में सामान्य प्रजाति की पर्ची न मिलने से नाराज किसानों ने सहायक केन मैनेजर को खेत में ही घंटों बैठाए रखा। जानकारी होने पर जिला गन्ना अधिकारी वेदप्रकाश ¨सह ने दूरभाष पर किसानों को शीघ्र पर्ची दिलाने का आश्वासन दिया। उसके बाद किसानों ने सहायक केन मैनेजर आशुतोष पाण्डेय को मुक्त किया।
किसानों का कहना है कि विशुनपुरा विकास खंड के मंसाछापर के किसानों को अन्य केंद्रों की अपेक्षा अर्ली की पर्ची भी कम मिल रही। सामान्य प्रजाति की पर्ची तो अब तक जारी ही नहीं की गई। इससे खेत खाली नहीं हो सका और गेहूं की बोआई नहीं कर सके। सबसे अधिक परेशानी छोटे किसानों को हो रही है। पर्ची की दरकार, कुछ कीजिए सरकार इस बीच गन्ना शर्करा किसान सेवा समिति के अध्यक्ष मो. अशरफ आलम खां ने गन्ना व चीनी आयुक्त को पत्रक भेज किसानों के समक्ष उत्पन्न पर्ची व गन्ना आपूर्ति की समस्या से अवगत कराया है। लिखा है कि जनवरी में भी किसान पर्ची के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
चालू गन्ना सीजन में गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा है। गन्ना का भी उत्पादन बेहतर होने से चीनी मिलों को और सतर्क और तत्पर होना चाहिए, लेकिन सप्लाई टिकट वितरण की स्थिति खराब होने से किसान परेशान हैं। किसानों को ¨चता सता रही है कि गन्ना पेराई की धीमी गति ऐसे ही रही तो मई जून तक गन्ना खत्म नहीं होगा और खेतों में गन्ना खड़ा रह जाएगा। अध्यक्ष ने लिखा है कि गन्ना सर्वें में की गई मनमानी का खामियाजा गन्ना किसानों का उठाना पड़ रहा है। समिति की वजाय पर्ची के लिए प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी दे दिए जाने से किसानों को पर्ची नहीं मिल रही है। गेहूं बोआई की उम्मीद लगाए किसान पर्ची न मिलने से हताश व निराश हैं।
किसानों का कहना है कि विशुनपुरा विकास खंड के मंसाछापर के किसानों को अन्य केंद्रों की अपेक्षा अर्ली की पर्ची भी कम मिल रही। सामान्य प्रजाति की पर्ची तो अब तक जारी ही नहीं की गई। इससे खेत खाली नहीं हो सका और गेहूं की बोआई नहीं कर सके। सबसे अधिक परेशानी छोटे किसानों को हो रही है। पर्ची की दरकार, कुछ कीजिए सरकार इस बीच गन्ना शर्करा किसान सेवा समिति के अध्यक्ष मो. अशरफ आलम खां ने गन्ना व चीनी आयुक्त को पत्रक भेज किसानों के समक्ष उत्पन्न पर्ची व गन्ना आपूर्ति की समस्या से अवगत कराया है। लिखा है कि जनवरी में भी किसान पर्ची के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
चालू गन्ना सीजन में गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ा है। गन्ना का भी उत्पादन बेहतर होने से चीनी मिलों को और सतर्क और तत्पर होना चाहिए, लेकिन सप्लाई टिकट वितरण की स्थिति खराब होने से किसान परेशान हैं। किसानों को ¨चता सता रही है कि गन्ना पेराई की धीमी गति ऐसे ही रही तो मई जून तक गन्ना खत्म नहीं होगा और खेतों में गन्ना खड़ा रह जाएगा। अध्यक्ष ने लिखा है कि गन्ना सर्वें में की गई मनमानी का खामियाजा गन्ना किसानों का उठाना पड़ रहा है। समिति की वजाय पर्ची के लिए प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी दे दिए जाने से किसानों को पर्ची नहीं मिल रही है। गेहूं बोआई की उम्मीद लगाए किसान पर्ची न मिलने से हताश व निराश हैं।
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