सोनौली सीमा पर ट्रकों से फर्जी टोकन के जरिए ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय
बार्डर का इलाका वैसे भी अवैध कार्यो के लिए बदनाम रहता हे। भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर लोगों को ठगने के लिए नए नए तरीके अपनाए जाते हैं। इसी तरीके में है ट्रक चालकों से फर्जी टोकन के जरिये ठगी। ट्रकों को लाइन से नेपाल में प्रवेश के लिए कस्टम विभाग ने टोकन जारी किया है, जिसका कोई शुल्क नहीं है। ठगों ने फर्जी टोकन देकर ट्रक चालकों को ठगने का कार्य शुरू कर दिया है।
गोरखपुर : भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर ट्रक चालकों से फर्जी टोकन के जरिये ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य चालकों को फर्जी टोकन देकर सात सौ से लेकर एक हजार रुपये तक वसूल ले रहे हैं। गिरोह द्वारा प्राप्त टोकन को लेकर चालक जब बैरियर पर पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है कि वह फर्जी टोकन है। ऐसे में उन्हें कस्टम कार्यालय जाकर दोबारा टोकन लेना पड़ता है। इससे समय और पैसे की बर्बादी होती है। इसका भेद तब खुला जब ठगी का शिकार एक ट्रक चालक इसकी शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचा।
पंजाब प्रांत निवासी चालक पर¨मदर ¨सह व सरदार जो¨गदर ¨सह ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में लिखा है कि वह ट्रक लेकर सोनौली पहुंचा और पेपर एजेंट के पास भेज दिया। दूसरे दिन उसके पास दो युवक लाल रंग की बाइक से आए और खुद को एजेंट का आदमी बताकर गेटपास का टोकन देकर सात सौ रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर गाड़ी रोकने की धमकी दी। दोनों युवकों ने कहा कि टोकन पर रुपये लिखे हुए हैं। वे अधिक पैसे की मांग नहीं कर रहे हैं। टोकन पर मुहर, हस्ताक्षर व गाड़ी नंबर देख कर चालक ने युवकों को रुपये दे दिया और गाड़ी लेकर सीमा की ओर बढ़ गया। जब वह कुनसेरवा बाईपास पर पहुंचा तो पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मी ने टोकन दिखाने को कहा। चालक द्वारा टोकन दिखाने पर सिपाही ने उसे फर्जी बताया और ट्रक वापस ले जाने को कह दिया। चालक ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
मालूम हो कि नेपाल जाने के लिए सोनौली सीमा पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी रहती है। सुबह सात बजे से ट्रकों का नेपाल जाना शुरू होता है। यह प्रक्रिया रात आठ बजे तक जारी रहता है। नंबर आने की प्रतीक्षा में ट्रकों को दो दिन तक भी सीमा पर रुकना पड़ता है।
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यह है टोकन सिस्टम
प्रभारी कोतवाल सतीश ¨सह ने बताया कि सरहद पर जाम की समस्या को देखते हुए कस्टम कार्यालय द्वारा क्रा¨सग स्लिप टोकन देने की व्यवस्था शुरू की गई है। इससे ट्रक चालकों को पता चल जाता है कि उनका नंबर कब आएगा। इसलिए वह क्रम से नेपाल जाने के लिए चलते रहते हैं। इसके लिए कोई पैसा नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि ट्रक चालकों द्वारा फर्जी टोकन दिए जाने की शिकायत की गई है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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