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पेट की खातिर हर रोज मौत से सामना, 17 किमी लंबे एपी बांध पर नहीं बनाया जा सका कोई पुल Gorakhpur News

कुशीनगर जिले के एपी बांध के किनारे बसे जवहीं दयाल सहित आधा दर्जन गांवों के किसान जान जोखिम में डालकर नारायणी नदी के उस पार खेती के लिए जाते हैं। बंधे के 17 किलोमीटर की दूरी के बीच अभी तक कोई पुल नहीं बन सका है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 02:10 PM (IST)
पेट की खातिर हर रोज मौत से सामना, 17 किमी लंबे एपी बांध पर नहीं बनाया जा सका कोई पुल Gorakhpur News
नदी उस पार से खेती कर नाव से लौटते जवहीं दयाल के किसान।

प्रमोद त्रिपाठी, गोरखपुर : यूं तो किसानों की बेहतरी के लिये सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाईं जा रही हैं, लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी कुशीनगर जिले के एपी बांध के किनारे बसे जवहीं दयाल सहित आधा दर्जन गांवों के किसान जान जोखिम में डालकर नारायणी नदी के उस पार खेती के लिए जाते हैं। बंधे के 17 किलोमीटर की दूरी के बीच अभी तक कोई पुल नहीं बन सका है। अक्सर नाव पलटने की आशंका बनी रहती है। खेती के लिए बिहार जाते समय नाव पलटने से अब तक आधा दर्जन लोगों की जान जा चुकी है।

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कई किसानों की है 25 एकड़ जमीन

नारायणी का लंबा पाट है। उसके पार तमाम किसानों की 25 एकड़ जमीन है। कई बार धरना-प्रदर्शन कर ग्रामीण मांग कर चुके है कि पुल बन जाए। न तो जनप्रतिनिधियों ने सुध ली और न सरकारी स्तर से कोई प्रयास हुआ। बिहार प्रांत के पश्चिमी चंपारण जिले के ठकरहां प्रखंड से नारायणी यूपी में प्रवेश करती है। वहां से यूपी के अंतिम गांव अहिरौलीदान तक 17 किमी लंबा एपी (अहिरौलीदान-पिपराघाट) बांध बना है।

कई गांवों के 20 लोग खेती के लिए आते-जाते हैं

बांध के इस तरफ विभिन्न गांवों के 20 लोग खेती के कार्य से उस पार आते-जाते हैं। वे चैनपट्टी के समीप नाव से नदी पार करते हैं। रूदल, शंभू, सनकेशिया, रुक्मिणी आदि ने बताया कि सुबह होते ही घाट पर जाना पड़ता है। उस पार जाने में दो घंटे का समय लगता है। जल्दी-जल्दी खेती का काम निपटाकर नाव के सहारे घर लौटते हैं। गन्ना लदी ट्रैक्टर-ट्राली को नाव पर चढ़ाने में घंटों समय लगता है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह ने कहा कि विभाग का काम बांध को बचाना है। पुल का निर्माण सरकार कराएगी, इस इलाके में पुल की जरूरत है। विधायक अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सदन में कई बार इस मुद्दे को उठा चुका हूं, लेकिन सरकार अनदेखी कर रही है।

पिपराघाट-पखनहा पुल प्रस्‍तावित

देवरिया के सांसद डा. रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पिपराघाट-पखनहा पुल प्रस्तावित है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों (यूपी व बिहार) की ओर से कार्यवाही शुरू कर दी गई है।


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