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जानें-विशेषज्ञों ने महिलाओं में नि:संतानता का प्रमुख कारण क्‍या बताया Gorakhpur News

डॉ. शालिनी अग्रवाल ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान पीलिया होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ताकि खतरे को कम किया जा सके।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 05:34 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 07:00 PM (IST)
जानें-विशेषज्ञों ने महिलाओं में नि:संतानता का प्रमुख कारण क्‍या बताया  Gorakhpur News
जानें-विशेषज्ञों ने महिलाओं में नि:संतानता का प्रमुख कारण क्‍या बताया Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महिलाओं में नि:संतानता का प्रमुख कारण टीबी है। एक लाख गर्भवती महिलाओं में एक से चार महिलाएं पीलिया से पीडि़त हो जाती हैं। समय रहते इनका उपचार होने से यह बीमारी आसानी से ठीक हो सकती है। यह बातें दिल्ली से आए डॉ. अशोक रतन ने कही।

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सरकारी अस्‍पतालों में उपलब्‍ध है सबसे अच्‍छी जांच

वह फाग्सी के तत्वावधान में यहां एक होटल में रविवार को 'महिलाओं की बच्‍चेदानी-अंडाशय में टीबी व गर्भावस्था में पीलिया विषय पर आयोजित वैज्ञानिक संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने टीबी की जांच के आधुनिक तरीकों के बारे में जानकारी दी। कहा कि सबसे अच्‍छी जांच सीबी नैट है, जो सरकारी अस्पतालों में होती है। गर्भावस्‍था में पीलिया होने पर तत्‍काल डाक्‍टरों से मिलें

मुख्य वक्ता डॉ. शालिनी अग्रवाल ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान पीलिया होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। ताकि खतरे को कम किया जा सके। जो लोग लापरवाही करते हैं या अनदेखी करते हैं, उनके लिए सबसे ज्‍यादा खतरा है। सरकारी अस्‍पतालों में जांच की सुविधा होने के बाद भी लोग भटकते रहते हैं। जहां कम पैसे में पूरे कार्य हो जा रहे हैं, वहां भी लोग जाना गवारा नहीं करते हैं। इसमें सबसे ज्‍यादा महिलाओं को सकर्त रहना चाहिए। यदि उन्‍होंने ही लापरवाही कर दी तो नि:संतानता के लिए भी वही जिम्‍मेदार हैं।

अतिथियों का स्वागत अध्यक्ष डॉ. मधुबाला व संचालन सचिव डॉ. मीनाक्षी गुप्ता ने किया। इस अवसर पर डॉ. दीप्ति चतुर्वेदी, डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. बबिता शुक्ला, डॉ. रेनू मोहन, डॉ. मधु गुलाटी, डॉ. अमृता सरकारी, डॉ. किरण श्रीवास्तव, डॉ. अरुणा छापडिय़ा, डॉ. सोना घोष, डॉ. कंचन लता, डॉ. अनामिका गुप्ता, डॉ. पूनम सिंह आदि उपस्थित रहीं। 


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