प्रश्न पत्र बदले जाने के मामले में केंद्र व्यवस्थापक पर कार्रवाई की गिरी गाज
यूपी बोर्ड परीक्षा में सामान्य हिंदी की जगह साहित्यिक हिंदी का प्रश्न पत्र देने के मामले में केंद्र व्यवस्थापक को हटा दिया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। बोर्ड परीक्षा में तीन छात्राओं को सामान्य हिंदी की जगह साहित्यिक हिंदी की परीक्षा दिलवाने वाले कुशीनगर जिले के तुर्कपट्टी इंटर कालेज के केंद्र व्यवस्थापक पर कार्रवाई की गाज गिरी है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने सख्त कदम उठाते हुए छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले केंद्र व्यवस्थापक प्रधानाचार्य चुनमुन प्रसाद चौधरी को तत्कालीक रूप से हटाकर विद्यालय के ही प्रवक्ता मदन तिवारी को शेष परीक्षा के लिए केंद्र व्यवस्थापक की जिम्मेदारी सौंपी है। डीआईओएस उदय प्रकाश मिश्र का कहना है कि पूरे मामले से माध्यमिक शिक्षा परिषद को अवगत करा दिया गया है। मामले की जाच की जा रही है। दोषी हर हाल में दंडित किए जाएंगे तो छात्राओं के भविष्य की सुरक्षा के प्रबंध भी किए जाएंगे।
यह था मामला
मंगलवार को परीक्षा केंद्र पर दूसरे सत्र की परीक्षा में कुशीनगर जिले की चिल्ड्रेन पब्लिक स्कूल की छात्रा श्वाती पाडेय, तृप्ति पाडेय व सुनीता ब्याहुल कक्ष संख्या चार में इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग की परीक्षा देने पहुंची। कक्ष निरीक्षक दीवाकर व इस्तेखार ने उन्हें सामान्य हिंदी के स्थान पर साहित्यिक हिंदी का प्रश्न पत्र थमा दिया। उन्होंने एतराज किया तो कक्ष निरीक्षकों ने यह कहकर उन्हें चुप करा दिया कि इस बार का प्रश्न पत्र एनसीआरटी के पैटर्न पर आया है। तुमलोग लिखो। परीक्षा बाद जब छात्राएं अपने साथियों से मिलीं तो उन्हें मामले की जानकारी हुई। अपने अभिभावकों को सूचित कर केंद्र पर बुलाया। अभिभावकों ने डीएम एवं डीआईओएस को जानकारी देकर थाने में भी तहरीर सौंपी। बहरहाल छात्राएं परीक्षा दे रही हैं लेकिन अपने भविष्य को लेकर वे काफी चिंतित हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक मिश्र ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामले में केंद्र व्यवस्थापक की लापरवाही सामने आई है। उन्हें हटाकर नए व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पुलिस ने मामले से झाड़ा पल्ला
तुर्कपट्टी इंटर कालेज में तीन छात्राओं का प्रश्न पत्र बदले जाने के मामले से पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। अभिभावकों से तहरीर मिलने के बाद पहले दिन जाच पड़ताल में सक्त्रिय दिखी पुलिस की कार्रवाई अब ठंडी पड़ गई है। थानाध्यक्ष उमेश कुमार का कहना है कि परीक्षा व्यवस्था कैसे संचालित होगा इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र व्यवस्थापक की है। पेपर कब खुलता है और कापी कब सील होती है इससे पुलिस को कोई मतलब नहीं है। मैने अपनी रिपोर्ट डीआईओएस एवं डीएम को भेज दी है। ऊपर से जो भी अनुमति मिलेगा उस अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई से मतलब नहीं, हमारी परीक्षा कराए विभाग
प्रश्न पत्र बदले जाने की शिकार हुई इंटरमीडिएट की छात्रा सुनीता ब्याहुल का कहना है कि कक्ष निरीक्षक की लापरवाही से हमारा तो भविष्य ही अधर में लटक गया है। इस गलती के लिए विभाग केंद्र व्यवस्थापक या कक्ष निरीक्षक हटा रहा है तो इससे हमें कोई मतलब नहीं है। हमें चिंता अपने भविष्य को लेकर है। जब तक विभाग हमारी परीक्षा दुबारा नहीं कराता हमें चैन नहीं मिलेगा। उधर परीक्षार्थी श्वाती पाडेय का कहना है कि विभागीय कार्रवाई से मुझे कुछ भी लेना देना नहीं है। मैं विभाग से पुन: परीक्षा की माग कर रही हूं। परीक्षा दे रही हूं लेकिन भविष्य की चिंता सता रही है। जबकि छात्रा तृप्ती पाडेय का कहना है कि इस घटना क्त्रम से हमारी तो परीक्षा की पूरी तैयारी ही प्रभावित हो गई है। चिंता के मारे आगे का पेपर भी खराब हो रहा है। यह विषय वस्तु दिमाग से हट ही नहीं रहा। कार्रवाई से हमें क्या लेना देना। विभाग हमारी परीक्षा करावे तभी चैन मिलेगा।