पूर्व एसएसपी डाक समेत आठ पर जालसाजी का मुकदमा
गोरखपुर : कैट पुलिस ने डाक विभाग के पूर्व एसएसपी समेत आठ लोगो के खिलाफ फर्जी दस्तावेज
गोरखपुर : कैट पुलिस ने डाक विभाग के पूर्व एसएसपी समेत आठ लोगो के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज कराने वाले एजेट पिता-पुत्र ने मुख्यमंत्री व डीजीपी से इसकी शिकायत की थी। सीओ की जांच मे आरोप सही मिलने पर एसएसपी ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था।
शाहपुर के शक्तिनगर कालोनी निवासी सुरेन्द्र नाथ मिश्र व उनके बेटे मनोज कुमार प्रधान डाकघर मे राष्ट्रीय बचत अभिकर्ता है। दोनो का आरोप है कि तीन फरवरी 2014 को साजिश के तहत तत्कालीन वरिष्ठ तत्कालीन प्रवर अधीक्षक डाक (एसएसपी डाक) आलोक ओझा ने दोनो की एजेसी निरस्त कर दी। अगले दिन से उनको एजेसी के माध्यम से व्यवसाय करने से मना करते हुए उन्हे नोटिस थमा दिया था। एजेसी निरस्त करने और उन्हे दिए गए नोटिस को सही साबित करने के लिए एसएसपी के निर्देश पर डाक विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियो ने सरकारी अभिलेखो मे हेराफेरी कर उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कराया। जानकारी होने पर सुरेन्द्र नाथ और मनोज ने इसकी शिकायत डाक विभाग के अधिकारियो से की। जाच मे सभी आरोप गलत पाए गए। जिसके बाद उनकी एजेसी बहाल कर दी गई। जाच मे फर्जीवाड़ा सामने आने पर पिता-पुत्र ने साजिश मे शामिल लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी से शिकायत की थी। शासन के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सीओ कैट से जाच कराई तो आरोप सही मिले। मंगलवार को कैट पुलिस ने सभी आरोपियो के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज किया।
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इनके खिलाफ हुआ है मुकदमा :
- आलोक ओझा, तत्कालीन वरिष्ठ प्रवर अधीक्षक डाक, वर्तमान मे चीफ पोस्टमास्टर मुख्य डाकघर चेन्नई मे तैनात है।
- सरदार सिंह यादव, तत्कालीन प्रवर पोस्टमास्टर
- जोखन सिंह यादव, तत्कालीन कार्यवाहक प्रवर पोस्टमास्टर
- पुरुषोलाम नाथ, तत्कालीन सहायक अधीक्षक डाक
- संजीव दूबे, तत्कालीन डाक निरीक्षक, उरुवा
- दुर्गाराम, तत्कालीन जिला बचत अधिकारी, वर्तमान मे इसी पोस्ट पर मऊ मे तैनात है।
- शशिकांत पांडेय, अपर सख्या अधिकारी जिला बचत गोरखपुर
- वासुदेव साहनी, कनिष्ठ लिपिक जिला बचत कार्यालय
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