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मेयर पद की दावेदारी जताने के ल‍िए जातीय समीकरण फ‍िट करने में जुटे भाजपा के द‍िग्‍गज

Local Body Elections गोरखपुर भाजपा में स्‍थानीय चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। तैयारी शुरू होते ही पार्टी के भीतर मेयर पद के दावेदारों की संख्‍या बढ़ गई है। ट‍िकट के ल‍िए लोग जातीय गण‍ित भिड़ा रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 03:31 PM (IST)
मेयर पद की दावेदारी जताने के ल‍िए जातीय समीकरण फ‍िट करने में जुटे भाजपा के द‍िग्‍गज
गोरखपुर में मेयर पद के ल‍िए भाजपा कार्यकताओं ने दावेदारी शुरू कर दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नगर निकाय चुनाव के लिए वार्डों के परिसीमन का कार्य अधूरा है। सीटों का आरक्षण भी अभी भविष्य के गर्भ में है। बावजूद इसके लिए उत्साही भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्षदी से लेकर मेयर के टिकट की दावेदारी को लेकर अपना नाम पार्टी फोरम पर उछालना शुरू कर दिया है। एक दर्जन से अधिक दावेदारों के नाम अपने-अपने समीकरण के साथ सामने आने लगे हैं। आरक्षण की उम्मीद पर आरक्षित वर्ग के कार्यकर्ता भी अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुट गए हैं।

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एक दर्जन अधिक लोगों ने पार्टी फोरम पर उछालना शुरू किया अपना नाम

दावेदारी के समीकरण को लेकर फिलहाल अभी जितने में नाम सामने आए हैं, सबका दावा जातीय आधार पर है। महानगर में अपनी-अपनी जाति का समीकरण बताकर वह खुद को टिकट का मजबूत दावेदार और प्रत्याशी बता रहे हैं। दावेदारों में सर्वाधिक संख्या कायस्थ बिरादरी की है। सबका यही कहना है कि महानगर में कायस्थों की संख्या पर्याप्त है लेकिन उन्हें इसका फायदा राजनीतिक स्तर पर कम ही मिला है। ऐसे में यदि कायस्थ प्रत्याशी मेयर के चुनाव मैदान में होगा तो उसकी जीत सुनिश्चित होगी।

आरक्षण की उम्मीद पर आरक्षित वर्ग के कार्यकर्ता भी सामने ला रहे अपना नाम

ब्राह्मण बिरादरी से आने वाले दावेदारी बीते कुछ वर्षाें में महानगर में बढ़े ब्राह्मण मतदाताओं का हवाला दे रहे हैं। एक प्रत्याशी तो ब्राह्मणों की संख्या अधिक बताने के लिए भूमिहारों को अपना वोटर बता रहे हैं। वैश्य बिरादरी के दावेदारों का अपना अलग दावा है। वह इस आधार पर टिकट के लिए खुद को मजबूत बता रहे हैं कि शहर में रहने वालों में सर्वाधिक संख्या वैश्यों की है। आरक्षित वर्ग से दावेदार के रूप में कुछ नाम सामने आ रहे हैं, इनमें एक पार्षद भी शामिल हैं। उनका कहना है कि सीट अगर आरक्षित होती है तो उनकी अभी से दावेदारी काम करेगी।

गाडफादर चुना, अब लगा रहे दौड़

मेयर का टिकट हासिल करने की कोशिश में सभी दावेदारों ने अपना-अपना गाडफादर भी चुन लिया है। बड़े नेताओं के इर्दगिर्द उन्हें देखकर इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर प्रत्यक्ष रूप से कोई भी नेता कुछ कहने को तैयार नहीं है।

पार्टी स्तर पर मेयर के टिकट को लेकर अभी कोई प्रक्रिया नहीं चल रही। अभी परिसीमन और आरक्षण दोनों कार्य पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में इसे लेकर फिलहाल कुछ भी कहना या करना जल्दबाजी होगी। दावेदारों को अभी धैर्य रखना चाहिए। - राजेश गुप्ता, महानगर अध्यक्ष, गोरखपुर।


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