आप कर्मचारी हैं तो 'अपना घर योजना' में बनवा सकते हैं मकान, नहीं करनी पड़ेगी भागदौड़
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ ) संगठन ने अपना घर योजना शुरू की है। यह योजना सभी कर्मचारियों के लिए है। इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
By Edited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2019 04:54 PM (IST)
गोरखपुर,जेएनएन। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ ) संगठन ने अपने सदस्यों के घर के सपने को पूरा करने की योजना पिछले साल लांच की थी। इसके तहत जमीन या मकान पर लिए लोन की किस्त कर्मचारी के ईपीएफ अंशदान से जमा करने का प्रावधान है, लेकिन एक वर्ष बाद भी किसी कर्मचारी सदस्य ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। बलरामपुर चीनी मिल के कर्मचारियों के एक समूह ने आवेदन किया है, जो प्रक्रियाधीन है।
दूसरी तरफ बैंकों में हाउस लोन के लिए लाइन लग रही है। केवल एसबीआइ में लगभग ढाई हजार, सेंट्रल बैंक में दो हजार, यूनियन बैंक से लगभग दो हजार लोगों ने पिछले एक साल में होम लोन लिया है। वहीं एक साल से लांच ईपीएफ की इस योजना में कर्मचारी सदस्यों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। क्या है योजना कर्मचारी फ्लैट या घर खरीद सकते हैं अथवा जमीन लेकर घर बनवा सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए 10 सदस्यों को मिलकर बनानी होगी सोसाइटी। सदस्यों के ईपीएफ अंशदान से जमा की जाएगी ऋण की मासिक किस्त।
यदि एकमुश्त रकम की आवश्यकता पड़ी तो उसके लिए भी कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि का 90 फीसद कर्मचारी को प्रदान किया जाएगा। बैंक से लोन लेने में भी कर्मचारी को भटकना नहीं होगा, सिर्फ ईपीएफ कार्यालय द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट पर बैंक से लोन आसानी से मिल जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी की ईपीएफ सदस्यता कम से कम तीन साल की हो और उसके ईपीएफ खाते में कम से कम 20 हजार रुपये बैलेंस हो कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही जानकारी विभागीय अरुचि के कारण एक बड़ी और कर्मचारियों के लिए अच्छी योजना कागजों तक सीमित हो गई है।
प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण अपना घर योजना जैसी बेहतरीन योजना के बारे में कर्मचारियों को जानकारी ही नहीं हो पाई। स्थिति यह है कि अपना घर योजना के लिए आवेदन ही नहीं आ रहे हैं। किया जा रहा प्रचार-प्रसार इस संबंध में भविष्य निधि के सहायक आयुक्त विक्की शरण का कहना है कि यह योजना बहुत अच्छी है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हर कर्मचारी सदस्य को इसका लाभ उठाना चाहिए। बलरामपुर चीनी मिल के कर्मचारियों के एक समूह ने आवेदन किया है। वह प्रक्रियाधीन है।
दूसरी तरफ बैंकों में हाउस लोन के लिए लाइन लग रही है। केवल एसबीआइ में लगभग ढाई हजार, सेंट्रल बैंक में दो हजार, यूनियन बैंक से लगभग दो हजार लोगों ने पिछले एक साल में होम लोन लिया है। वहीं एक साल से लांच ईपीएफ की इस योजना में कर्मचारी सदस्यों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। क्या है योजना कर्मचारी फ्लैट या घर खरीद सकते हैं अथवा जमीन लेकर घर बनवा सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए 10 सदस्यों को मिलकर बनानी होगी सोसाइटी। सदस्यों के ईपीएफ अंशदान से जमा की जाएगी ऋण की मासिक किस्त।
यदि एकमुश्त रकम की आवश्यकता पड़ी तो उसके लिए भी कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा धनराशि का 90 फीसद कर्मचारी को प्रदान किया जाएगा। बैंक से लोन लेने में भी कर्मचारी को भटकना नहीं होगा, सिर्फ ईपीएफ कार्यालय द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट पर बैंक से लोन आसानी से मिल जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि कर्मचारी की ईपीएफ सदस्यता कम से कम तीन साल की हो और उसके ईपीएफ खाते में कम से कम 20 हजार रुपये बैलेंस हो कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही जानकारी विभागीय अरुचि के कारण एक बड़ी और कर्मचारियों के लिए अच्छी योजना कागजों तक सीमित हो गई है।
प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण अपना घर योजना जैसी बेहतरीन योजना के बारे में कर्मचारियों को जानकारी ही नहीं हो पाई। स्थिति यह है कि अपना घर योजना के लिए आवेदन ही नहीं आ रहे हैं। किया जा रहा प्रचार-प्रसार इस संबंध में भविष्य निधि के सहायक आयुक्त विक्की शरण का कहना है कि यह योजना बहुत अच्छी है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हर कर्मचारी सदस्य को इसका लाभ उठाना चाहिए। बलरामपुर चीनी मिल के कर्मचारियों के एक समूह ने आवेदन किया है। वह प्रक्रियाधीन है।
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