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इंजीनियर दिवस : एनालिटिक्स, डिजाइन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अब है जमाना Gorakhpur News

इंडिया स्किल रिपोर्ट -2019 के मुताबिक आने वाले समय में नौकरियों का करीब 60 फीसद हिस्सा एनालिटिक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजाइन रिसर्च और डेवलपमेंट कोर्स का होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 02:59 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:15 PM (IST)
इंजीनियर दिवस : एनालिटिक्स, डिजाइन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अब है जमाना Gorakhpur News
इंजीनियर दिवस : एनालिटिक्स, डिजाइन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अब है जमाना Gorakhpur News

गोरखपुर, क्षितिज पांडेय। सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्ट्रिकल जैसी इंजीनियरिंग की कोर ब्रांच में नौकरियां अब पहले की तरह नौकरियां नहीं रहीं। अब जमाना है एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजाइन, रिसर्च और डेवलपमेंट कोर्स का। पिछले दिनों जारी इंडिया स्किल रिपोर्ट -2019 के मुताबिक आने वाले समय में नौकरियों का करीब 60 फीसद हिस्सा इन्हीं क्षेत्रों में होगा। इन क्षेत्रों में दक्षता, नए दौर में कौशल का मानक होगी, हर पांच में से एक युवा को इसमें नौकरी मिलेगी।

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ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, यूएनडीपी और एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के सहयोग से पीपुल स्ट्रांग, वीबॉक्स और सीआइआइ द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के 3 लाख से ज्यादा छात्र और 100 से अधिक नियोक्ता शामिल हुए थे। सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक हर क्षेत्र में डिजिटलीकरण बढ़ा है।

ऐसे में साफ्टवेयर, हार्डवेयर, आइटी, मैन्यूफैक्चरिंग, आटोमोटिव के क्षेत्र में खूब नौकरियां आने वाली हैं। मौजूदा नौकरियों में से करीब 40 से 50 फीसद जिनकी लागत ज्यादा पड़ती है, अब वह ऑटोमेशन की ओर बढ़ रही हैं। जिन सेक्टर में ऑटोमेशन को बढ़ावा मिलेगा उनमें अहम सेक्टर आइटी, फाइनेंशियल सर्विस, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्टेशन, पैकेजिंग और शिपिंग हैं।

सिविल में घटती जा रहीं नौकरियां

रिपोर्ट के मुताबिक अन्य क्षेत्रों की तुलना में इंजीनियरिंग में अब भी नौकरियां ज्यादा हैं। 2017 की तुलना में 2018 में इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में क्रमश: 12 और 21 फीसद अधिक नौकरियां सृजित हुईं, जबकि सिविल इंजीनियरिंग में अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं। रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में विकास के बावजूद छात्रों का इंडस्ट्री कनेक्ट नहीं हो पाता, ऐसे में सिविल में नौकरियां कम मिलीं।

वहीं अन्य शाखाओं में इंटर्नशिप के अवसर अधिक हैं और छात्र इंडस्ट्री की जरूरतों के मुताबिक कहीं बेहतर ढंग से तैयार हो पाते हैं, नतीजा उन्हें नौकरियां मिल जाती हैं। रिपोर्ट, इंटर्नशिप को अभ्यर्थी और नियोक्ता दोनों को एक-दूसरे के प्रति समझ बढ़ाने का अच्छा मौका मानती है। एक अहम बात यह भी सामने आई कि एमबीए के मुकाबले इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अवसर हैं।


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