निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों ने किया प्रदर्शन Gorakhpur News
वक्ताओं ने कहा कि बिजली निगम की निजीकरण करके सरकार सभी को बेरोजगार करना चाहती है।
गोरखपुर, जेएनएन। बिजली निगम के निजीकरण के खिलाफ लगातार दूसरे दिन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेता अनिल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुए प्रदर्शन के दौरान करुणेश त्रिपाठी ने गीतों में माध्यम से विरोध व्यक्त किया।
निजीकरण को कामयाब नही होने दिया जाएगा
वक्ताओं ने कहा कि बिजली निगम की निजीकरण करके सरकार सभी को बेरोजगार करना चाहती है। प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों को बेराजगार करने की साजिश कामयाब नहीं होनी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निजीकरण से न केवल बिजलीकर्मियों का नुकसान होगा अपितु उपभोक्ताओं को भी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का आंदोलन पूरे प्रदेश में जारी है। सभी स्थानों पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी आंदोलन पर भी अच्छे कमेंट मिल रहे हैं।
एकजुटता पर बल
उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में बिजली निगम को निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के समस्त कम्रचारी और अधिकारी एकजुट हैं। बिजली निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों को एकजुटता को कोई समाप्त नहीं कर सकता है। प्रदर्शन स्थल पर दीपक गुप्ता, बृजेश त्रिपाठी, शिवम चौधरी, शशि कपूर, कैलाश प्रसाद, राजकुमार, ऐश्वर्य सिंह, पुनीत निगम, अजय कुमार, उपेंद्र पाल, पंकज गुप्ता, प्रभुनाथ प्रसाद, राम अवतार यादव, अरुण गुप्ता, नरसिंह मौर्या आदि मौजूद रहे।
रातभर बिजली कटौती से परेशान रहे सौ परिवार
शहर के बसंत बिहार कॉलोनी, साकेतपुरी में बिजली कटौती से करीब 100 परिवारों के लोग रातभर परेशान रहे। लोगों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन ही नहीं उठाया। रात करीब साढ़े 10 बजे अचानक बिजली आपूर्ति ठप हो गई। लोग आपूर्ति बहाल होने की प्रतीक्षा करते रहे। सर्वाधिक कठिनाई उन लोगों को हुई जिनके घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं। गर्मी से परेशान लोग राहत पाने के लिए घर से बाहर, बालकनी और छतों पर टहलते नजर आए। सुबह करीब साढ़े 10 बजे आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन दोपहर 12 बजे फिर बिजली गुल हो गई। इसके बाद फिर बहाल हो सकी। वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि राजेश कुमार चौहान ने बताया कि कटौती को लेकर उन्होंने भी विद्युत विभाग के जेई को फोन किया, लेकिन उनका फोन ही नहीं उठा।