गोरखपुर शहर के कई इलाकों में बिजली गुल, बारिश में व्यवस्था चरमराई, Gorakhpur News
मंगलवार रात नॉर्मल उपकेंद्र से नौसढ़ जाने वाली 11 हजार वोल्ट की लाइन में खराबी आ गई। इससे संबंधित इलाके में पूरी रात बिजली नहीं रही। सुबह 845 बजे इलाके की आपूर्ति बहाल हाे सकी। राप्तीनगर शाहपुर सूरजकुंड तिवारीपुर मोहद्दीपुर आदि इलाकों में भी बिजली गुल हो गई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। मंगलवार देर रात हुई बारिश के साथ ही शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। कहीं अंडरग्राउंड केबल में खराबी आ गई तो कहीं हाइटेंशन लाइन में खराबी। बिजली गुल होने से उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई घरों में सुबह पानी की समस्या खड़ी हो गई।
मंगलवार रात 1:40 बजे नॉर्मल उपकेंद्र से नौसढ़ जाने वाली 11 हजार वोल्ट की लाइन में खराबी आ गई। इससे नौसढ़ फीडर बंद हो गया। उपभोक्ताओं ने रात में ही नॉर्मल उपकेंद्र के कर्मचारियों को सूचना दी लेकिन रात में खराबी दूर करने के कोई प्रयास नहीं किए गए। इलाके में पूरी रात बिजली नहीं रही। सुबह 8:45 बजे इलाके की आपूर्ति बहाल हाे सकी। राप्तीनगर, शाहपुर, सूरजकुंड, तिवारीपुर, मोहद्दीपुर आदि इलाकों में भी बारिश होने के साथ ही बिजली गुल हो गई।
खुद जलकर बचा लिए उपभोक्ताओं के उपकरण
शहर में लगे 129 स्मार्ट मीटर खराब हो गए पर हाई वोल्टेज का असर घर के उपकरणों पर नहीं आने दिया। इन मीटरों को ठीक करने की काफी कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कार्यदायी संख्या लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) ने इन मीटरों को बदलने का निर्णय लिया है। 14 से 17 सितंबर के बीच शहर के कई हिस्सों में बिजली गिरी थी। उपकेंद्रों की 33 हजार की लाइन के साथ ही कई ट्रांसफॉर्मर भी चपेट में आए थे। तीन उपकेंद्र घंटों बंद रहे। उपकेंद्रों में लगे लाइङ्क्षटग अरेस्टर (तडि़त पकड़क) मशीनों के कारण उपकरणों को तो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन ट्रांसफॉर्मरों पर बिजली गिरने से हाई वोल्टेज करंट घरों में लगे स्मार्ट मीटरों तक पहुंच गया। हाई वोल्टेज करंट आने पर स्मार्ट मीटर खुद बंद हो जाते हैं और घर की बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। एलएंडटी के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय कुमार का कहना है कि हाई वोल्टेज आने पर स्मार्ट मीटर खुद बंद हो जाते हैं। बाद में रिले को दोबारा सेट करने से मीटर से आपूर्ति शुरू हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में स्मार्ट मीटर में खराबी आ जा रही है। इस खराबी को दूर करने में इंजीनियर जुटे हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।