Move to Jagran APP

सरकारी विभागों से 'दोस्ती नहीं रखेंगे बिजली अफसर, होगी जांच

बिजली निगम के अफसर भी स्वीकार करते हैं कि ज्यादातर विभागों ने कम लोड दिखाते हुए कनेक्शन लिए हैं। इन सभी की जांच होगी तो निगम के आय में बढ़ोत्तरी होगी। किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:36 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:36 PM (IST)
सरकारी विभागों से 'दोस्ती नहीं रखेंगे बिजली अफसर, होगी जांच
बिजली विभाग के लिए प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। निजीकरण से बचने के लिए खुद को साबित करने में जुटे बिजली निगम के अफसर और कर्मचारी अब किसी सरकारी विभाग से 'दोस्ती नहीं रखेंगे। निगम ने सभी सरकारी कार्यालयों का कनेक्शन चेक कराना शुरू किया है। जिन कार्यालयों में ज्यादा उपभोग के बाद भी कनेक्शन की क्षमता कम होगी, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की राशि अगले महीने में जोड़कर भेजी जाएगी।

loksabha election banner

दो से तीन गुना ज्यादा मिला लोड

नार्मल स्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में बिजली निगम से 10 किलोवाट लोड का कनेक्शन लिया गया है।  टीम ने जांच की तो 21 किलोवाट बिजली का उपभोग मिला। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में दो किलोवाट के कनेक्शन का वास्तविक लोड छह किलोवाट मिला। बिजली निगम के अफसरों का कहना है कम लोड के कनेक्शन और ज्यादा उपभोग की जानकारी विभाग के अफसरों को दे दी गई है।

अधिकतर विभागों में कम लोड का कनेक्शन

बिजली निगम के अफसर भी स्वीकार करते हैं कि ज्यादातर विभागों ने कम लोड दिखाते हुए कनेक्शन लिए हैं। इन सभी की जांच होगी तो निगम के आय में बढ़ोत्तरी होगी। अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में कम लोड के कनेक्शन पर ज्यादा उपभोग के मामले मिल रहे हैं। अब सभी विभागों के कनेक्शन की जांच की जाएगी। जिन विभागों में निर्धारित से ज्यादा लोड मिलेगा उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

85 उपभोक्ताओं के मीटर बदले

बिजली निगम का महाशिविर शहर के सभी उपकेंद्रों पर लगा। बिजली से जुड़ी शिकायतें लेकर 1295 उपभोक्ता शिविरों में पहुंचे। इनमें 317 का बिल सुधारा गया और 85 उपभोक्ताओं का मीटर बदला गया। पूरे दिन चले अभियान में निगम ने 37.65 लाख रुपये राजस्व जमा कराया है। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम टाउनहाल में सबसे ज्यादा 593 शिकायतें मिलीं। इनमें 339 शिकायतें कांशीराम कालोनी की हैं। यहां ज्यादातर उपभोक्ताओं के बिल में गड़बड़ी मिली है। खंड प्रथम में 12 उपभोक्ताओं के मीटर बदले गए। खंड द्वितीय बक्शीपुर क्षेत्र में लगे शिविर में 272 लोग पहुंचे। इनमें 125 का बिल ठीक किया गया और 65 के मीटर बदले गए। यहां सर्वाधिक 21.17 लाख रुपये का राजस्व जमा कराया गया। खंड तृतीय मोहद्दीपुर में 63 उपभोक्ताओं का बिल ठीक किया गया। यहां 203 उपभोक्ता पहुंचे थे। खंड चतुर्थ राप्तीनगर में 227 लोग शिकायत लेकर पहुंचे। 44 का बिल सुधारा गया। शिविरों में अधिशासी अभियंता नवनीत प्रजापति, वाइएन राम, वीके चौधरी, मुदित तिवारी, ऐश्वर्य सिंह, प्रद्युम्न सिंह, नीति मिश्रा, अजय कुमार, नीरज दुबे, शिवम चौधरी, प्रमोद यादव, प्रदीप सिंह, नवनीत पटेल, मोतीलाल भारद्वाज, सुनील यादव, बृजेश त्रिपाठी, राहुल श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

तीन मीटरों में स्टोर मिली 30 हजार यूनिट

नार्मल के अवर अभियंता प्रदीप सिंह ने रविवार को तुर्कमानपुर इलाके में मीटरों की जांच की। यहां तीन उपभोक्ताओं के मीटर में 30 हजार यूनिट रीडिंग स्टोर मिली। एक उपभोक्ता का सिर्फ 445 यूनिट रीडिंग का ही बिल बना था, जबकि वास्तविक रीडिंग 11749 थी। प्रदीप सिंह ने बताया कि मीटर रीडर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सेवा प्रदाता कंपनी को पत्र लिखा गया है। निगम को दो लाख रुपये का राजस्व मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.