गोरखपुर में बिजली विभाग को नहीं पता, कहां गई 98 फीसद बिजली Gorakhpur News
काशीराम फीडर के अंतर्गत ऐसे 501 उपभोक्ता हैं जिनका बिजली बिल बनता है। इस क्षेत्र का लाइन लॉस 97.80 फीसद है। यानी केवल 2.20 फीसद बिजली की जानकारी ही विभाग के पास है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर क्षेत्र का कांशीराम फीडर हो या गोरखपुर ग्रामीण द्वितीय खंड का बेलघाट, दोनों क्षेत्रों में बिजली निगम के पास केवल करीब दो फीसद बिजली का ही हिसाब है। शेष बिजली कहां गई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। बिजली निगम ने जोन में औसत से अधिक लाइन लॉस वाले 54 फीडरों का चयन किया है। लाइन लॉस रोकने के लिए वहां क्लीन अप अभियान चलाया जा रहा है।
कांशीराम आवास और सिकरीगंज में है लाइन लास
नगरीय विद्युत वितरण खंड प्रथम के अंतर्गत आने वाले काशीराम फीडर के अंतर्गत ऐसे 501 उपभोक्ता हैं, जिनका बिजली बिल बनता है। यहां 10 हजार से ऊपर बकाया वाले 414 उपभोक्ता हैं। पर, इस क्षेत्र का लाइन लॉस 97.80 फीसद है। यानी केवल 2.20 फीसद बिजली की जानकारी ही विभाग के पास है। इसी प्रकार गोरखपुर ग्रामीण द्वितीय के सिकरीगंज वितरण खंड के अंतर्गत बेलघाट फीडर में लाइन लॉस 97.90 है, यहां केवल 2.10 फीसद बिजली की जानकारी ही निगम को है। गोरखपुर जोन के चार जिलों में शहर एवं कस्बाई क्षेत्र के 20 फीडरों में 30 फीसद से अधिक लाइन लॉस है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के 34 फीडरों में लाइन लॉस 50 फीसद से अधिक है। क्लीन अप अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में लाइन लॉस 15 जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 25 फीसद लाने का लक्ष्य है।
क्या है लाइन लॉस
लाइन लॉस को एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल (एटीएंडसी) के नाम से जाना जाता है। यदि बिजली निगम को 100 यूनिट बिजली मिली और अंतिम उपभोग के रूप में 90 यूनिट का रिकॉर्ड मिला तो शेष 10 यूनिट को लाइन लॉस मान लिया जाता है। यह माना जाता है कि जितनी बिजली निगम को मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही। इसके जर्जर उपकरण, बिजली चोरी जैसे कई कारण होते हैं।
54 फीडरों में लाइन लास अधिक
इस संबंध में मुख्य अभियंता देवेंन्द्र सिंह का कहना है कि जोन में 54 ऐसे फीडर हैं, जहां लाइन लॉस औसत से अधिक है। उन्हें चिह्नित किया गया है। क्लीन अप अभियान के जरिए इसे पूरी तरह दुरुस्त कर लिया जाएगा।