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आरटीओ व सिंचाई विभाग समेत 14 बड़े बकायेदारों की बिजली कटी Gorakhpur News

बिजली बिल बकाया होने के कारण 14 सरकारी कार्यालयों व दुकानों का कनेक्‍शन काटा गया। इनमें आरटीओ भी शामिल है। एक लाख रुपये से ज्‍यादा के बकायेदार घरेलू उपभोक्‍ताओं का भी कनेक्‍शन काटा जा रहा है। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि बकायेदारों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:00 AM (IST)
आरटीओ व सिंचाई विभाग समेत 14 बड़े बकायेदारों की बिजली कटी Gorakhpur News
बकाया भुगतान के लिए बिजली विभाग ने अभियान तेज कर दिया है। - प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। बकायेदार सरकारी विभागों के खिलाफ बिजली निगम ने कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार को 14 सरकारी कार्यालयों व दुकानों का कनेक्‍शन काटा गया। इनमें आरटीओ भी शामिल है। एक लाख रुपये से ज्‍यादा के बकायेदार घरेलू उपभोक्‍ताओं का भी कनेक्‍शन काटा जा रहा है। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि मंगलवार से बकायेदारों के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा।

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गोलघर के उपखंड अधिकारी (एसडीओ) ऐश्‍वर्य सिंह ने बताया कि आरटीओ पर 7.53 लाख रुपये बकाया है। कार्यालय का कनेक्‍शन काट दिया गया है। सोमवार रात तक रुपये नहीं जमा हुए थे। धर्मशाला बाजार में बीएसएनएल के चार मोबाइल टावरों का कनेक्‍शन काटा गया है। इन पर 10 लाख रुपये बकाया हैं। सिंचाई विभाग के कार्यालयों और कालोनियों में ज्‍यादा गड़बड़ी मिल रही है। यहां दो किलोवाट के कनेक्‍शन पर पांच से छह किलोवाट बिजली का उपभोग किया जा रहा है। एक-एक आवास के कनेक्‍शन की जांच कर लोड बढ़ाया जा रहा है और जुर्माना भी वसूला जा रहा है। रेलवे स्‍टेशन स्थित बीएसएनएल के सहायक महाप्रबंधक कार्यालय का कनेक्‍शन काटा गया है। बकाए में सिंचाई विभाग के तीन और गोलघर की कई दुकानों का कनेक्‍शन काटा गया है। बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों और आवासों पर मीटर लगाया जा रहा है।

मीटर में छेड़छाड़ तो दें सूचना

एसडीओ ऐश्‍वर्य सिंह ने बताया कि जिन उपभोक्‍ताओं के मीटर में छेड़छाड़ हुई है वह इसकी जानकारी देते हैं तो भारी-भरकम जुर्माना और एफआइआर से बच सकते हैं। बिल का डेढ़ गुना जमा कर मीटर बदल दिया जाएगा। बताया कि कुछ उपभोक्‍ता आकर मीटर में छेड़छाड़ की जानकारी भी दे रहे हैं।

विभाग ने पिछले साल बिजली बिल के मद में 3.55 लाख रुपये जमा कर दिए थे। बाद में पता चला कि रुपये बिजली निगम में न जमा होकर वापस परिवहन विभाग के खाते में आ गए। बिजली निगम से भी कोई सूचना नहीं मिली। एक-दो दिन में रुपये जमा हो जाएंगे। जेनरेटर चलाकर विभागीय कार्य पूरे किए जा रहे हैं। - श्‍यामलाल, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन)। 


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