गोरखपुर में बिजली निगम के इंजिनियरों ने किया बड़ा खेल, उपभोक्ताओं के घर में नहीं लगा मीटर, कागज में लगा दिया
बिजली निगम के अभियंताओं ने लक्ष्य पूरा करने के ऐसा काम किया है। जिले में 50 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर नहीं लगा फिर भी कागज में दर्शा दिया गया। ऐसे में अब लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।
गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। गोरखपुर जिले के सिकरीगंज क्षेत्र के ओमप्रकाश के घर 40 साल से बिजली जल रही है। पोल से तार सीधे घर में लगे बोर्ड में आया है और यहां से पूरे घर को बिजली दी जाती है। कुछ दिनों पहले घर ओमप्रकाश के परिचित आए तो उन्होंने बिल का आनलाइन भुगतान करने को कहा। परिचित ने UPPCL की वेबसाइट पर देखा तो पता चला कि ओमप्रकाश के कनेक्शन पर मीटर लग चुका है। यह जानकारी ओमप्रकाश को दी तो वह परेशान हो गए। अब यदि विजिलेंस या बिजली निगम के अभियंताओं ने ओमप्रकाश के परिसर की जांच की तो मीटर गायब कर सीधे बिजली का उपभोग करने के आरोप में उन पर एफआइआर भी दर्ज करा देंगे।
50 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर नहीं
यह सिर्फ ओमप्रकाश का मामला नहीं है। गोरखपुर मंडल के गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिलों में 50 हजार से ज्यादा कनेक्शनों को बिना मीटर लगाए मीटर वाला दर्शा दिया गया है। इनके कनेक्शन पर बाकायदा मीटर रीडिंग आधारित बिल भी बन रहा है।
अपनी नौकरी बचाने के लिए किया ऐसा
बिजली निगम ने हर कनेक्शन पर मीटर लगाने के निर्देश दिए थे। कुछ महीने पहले इसकी रोजाना समीक्षा शुरू हुई तो कागजों में मीटर लगाने का खेल शुरू हो गया। आनन-फानन कनेक्शन नंबर पर मीटर का नंबर फीड कर दिया गया। मीटर के आधार पर बिल में टाइप 17 कर दिया गया।
निगम के रिकार्ड में सिर्फ 772 कनेक्शन बचे
बिजली निगम के रिकार्ड में सिर्फ 772 कनेक्शन पर ही मीटर नहीं लग सका है। इनमें देवरिया के 722 कनेक्शन शामिल हैं। ग्रामीण वितरण मंडल प्रथम में 27, द्वितीय में एक भी नहीं, कुशीनगर में 23 और महराजगंज में एक भी कनेक्शन बिना मीटर का नहीं है। जबकि हकीकत इससे बहुत अलग है।
अपने हिसाब से डाला मीटर नंबर
बिना मीटर लगाए कनेक्शन पर मीटर दर्शाने वाले अभियंताओं ने अपने मन से नंबर फीड किए। एसके 22105, एमके 12345, सीसी 123456, सीएच 123456, एसके 1111, एमके 0222, एमएफ 02210 आदि मीटर नंबर दर्ज किए गए हैं।
ऐसे जानें
बिजली बिल में एक कालम टाइप 13 या टाइप 17 का होता है। यदि आपके बिजली के बिल में टाइप 13 दर्ज है तो इसका मतलब कनेक्शन पर मीटर नहीं लगा है। यदि यह टाइप 17 है तो कनेक्शन पर मीटर लग चुका है और बिल मीटर की रीडिंग के आधार पर बनेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि मेरी जानकारी में कुछ कनेक्शनों पर मीटर नहीं लगे हैं। यदि संख्या बहुत ज्यादा है तो गंभीर बात है। इसकी जांच करायी जाएगी। एक से डेढ़ महीने में सभी कनेक्शन पर मीटर लगा दिया जाएगा।