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मीटर के खेल में फेल हो रहे बिजली उपभोक्ता, शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं अधिकारी Gorakhpur News

मीटर के खेल में बिजली के तमाम उपभोक्ता फेल हो जा रहे हैं। जो सिर्फ चार एलईडी बल्ब व चार पंखें का उपयोग कर रहे हैं उनका भी तीन हजार से छह हजार रुपये तक बिल आ रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 03:10 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 03:10 PM (IST)
मीटर के खेल में फेल हो रहे बिजली उपभोक्ता, शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं अधिकारी Gorakhpur News
बिजली उपभोक्‍ताओं की शिकायत को नजरअंदाज कर रहे अधिकारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर में मीटर के खेल में बिजली के तमाम उपभोक्ता फेल हो जा रहे हैं। मीटर की रीडिंग के हिसाब से पैसा जमा करें या फिर विभाग से आई बिल के आधार पर। इतना ही नहीं जो सिर्फ चार एलईडी बल्ब व चार पंखें का उपयोग कर रहे हैं, उनके पास मीटर की रीडिंग में प्रतिमाह तीन हजार से छह हजार रुपये तक बिल आ रहा है। विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपभोक्ताओं की पीड़ा को सुनना नहीं चाहते। वहीं उनके दफ्तर के बाहर दलाल सक्रिय रहते हैं। वे निराश उपभोक्ताओं के बकाया बिल राशि की तुलना में कम राशि जमा करवाकर समस्या दूर करने का लालच देते हैं। उपभोक्ताओं की जुबानी मीटर के खेल की कहानी...

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हर माह पैसा जमा करने पर भी बकाया

खलीलाबाद के गोला बाजार के अमित गुप्त उर्फ अप्पू ने कहा कि वह हर माह पैसा जमा करते हैं। इसकी रसीद भी उनके पास है। दिसंबर-2020 में 16 हजार रुपये बकाया दर्शाया जा रहा है। जेई से कई बार मिले लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं। वह बोले कि मीटर की रीडिंग में जितना पैसा बकाया दर्शाया गया है, उतना उन्हें जमा करना ही होगा। एसडीओ से मिलने के बाद भी दिक्कत दूर नहीं हुई।

खर्च कम फिर भी हर माह तीन से चार हजार रुपये बिल

विद्युत उपकेंद्र हरिहरपुर से जुड़े देवरियागंगा गांव के घरेलु उपभोक्ता विंध्‍याचल शर्मा ने कहा कि उनके घर में मीटर लगा हुआ है। बिजली का खर्च कम है। मीटर की रीडिंग में हर माह तीन से चार हजार रुपये बिजली बिल आ रहे हैं। इसके अलावा एक अलग बिजली बिल भी आ रहा है। नियमित रूप से पैसे जमा करने के बाद भी उनके पास 26 हजार रुपये का बिल आया है। इसे देखकर वह हैरान हैं। 

मीटर लगवाने के बाद बढ़ गई समस्या

विद्युत उपकेंद्र हरिहरपुर से जुड़े मेंहदिया गांव के श्रीभागवत यादव ने कहा कि चार फरवरी, 2020 तक बकाया शून्य था। 26 फरवरी को मीटर लगवाए। विभागीय अभिलेखों में मीटर लगने का उल्लेख नहीं किया गया। दिसंबर-2020 में बिजली विभाग के दफ्तर में पहुंचे और समस्या बताए। 26 फरवरी से तीन जनवरी तक मीटर की रीडिंग कराने पर 274 यूनिट बिजली खर्च होने की बात सामने आई। विभागीय अधिकारी 6638 रुपये बकाया बता रहे हैं। मीटर लगने के बाद उनकी समस्या बढ़ गई है।

कई शिकायतें आईं हैं, करवा रहे जांच

एक्सईएन आरके सिंह ने कहा कि इस तरह की कई शिकायतें उनके पास आई हैं। उसकी वह जांच करवा रहे हैं। उपभोक्ताओं की दिक्कतों को अवश्य दूर किया जाएगा।


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