Gorakhpur Electricity Corporation: बिजली बिल बंद फिर भी कनेक्शन चालू, छापेमारी में खुला रहस्य
शाहपुर गांव के हरिनरायण सिंह के कनेक्शन पर 1.18 लाख रुपये बकाया है। 28 जनवरी 2020 को आनलाइन सिस्टम में उनका बिल बंद है। नियमानुसार कनेक्शन भी कटा होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं था। विजिलेंस ने इसे चोरी माना है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बेलघाट क्षेत्र में छापा मारने पहुंची बिजली निगम की विजिलेंस टीम को दो कनेक्शन के बिल बंद मिले लेकिन बिजली चल रही थी। विजिलेंस टीम ने दो उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
शाहपुर गांव के हरिनरायण सिंह के कनेक्शन पर 1.18 लाख रुपये बकाया है। 28 जनवरी 2020 को आनलाइन सिस्टम में उनका बिल बंद है। नियमानुसार कनेक्शन भी कटा होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं था। विजिलेंस ने इसे चोरी माना है। इसी गांव में भूपेंद्र सिंह के कनेक्शन पर 1.20 लाख बकाया था। सिस्टम में बिल 30 जनवरी 2020 से बंद था। इसके बाद भी आपूर्ति जारी थी। दोनों कनेक्शनों पर कभी बिल भी नहीं जमा हुआ था।
खूब होता है खेल
बिजली निगम के बिल बंद करने का खेल खूब चल रहा है। बकाये में नियमानुसार कनेक्शन काटकर बिल को बंद कर दिया जाता है लेकिन बिजलीकर्मियों की मिलीभगत से सिस्टम में बिल तो बंद कर दिया जाता है पर लाइन नहीं काटी जाती है। यानी बिना बिल दिए बिजली का भरपूर उपभोग किया जाता है।
बांस-बल्ली हटाने की रफ्तार धीमी, नोटिस
शहर से बांस-बल्ली हटाकर पोल व तार से आपूर्ति देने की योजना फर्म की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। दिसंबर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक काफी काम बाकी है। अब बिजली निगम के अफसरों ने फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही 31 जुलाई तक हर हाल में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। 10.94 करोड़ की लागत से शहर में बांस-बल्ली की जगह पोल-तार लगाने का काम चल रहा है। पावर टेक फर्म को काम सौंपा गया था। आठ महीने बाद भी फर्म सिर्फ 70 फीसदी ही काम करा सकी है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विद्याभूषण ने काम की सुस्त गति पर नाराजगी जताई तो अफसरों ने फर्म को नोटिस जारी किया। अधीक्षण अभियंता शहर यूसी वर्मा ने बताया कि फर्म को नोटिस जारी किया गया है। 31 जुलाई तक काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।