बिहार में शराब खपाने को बड़ा तस्कर रैकेट सक्रिय, छह महीने में आठ करोड़ की शराब बरामद Gorakhpur News
नोएडा शामली और मेरठ के रास्ते हरियाणा निर्मित शराब यूपी में लाई जा रही है। गोरखपुर पहुंचने के बाद कुशीनगर और देवरिया के रास्ते यह शराब बिहार भेजी जाती है।
गोरखपुर, जेएनएन। बिहार में शराब बंदी के बाद हरियाणा से बड़े पैमाने पर अंग्रेजी शराब की तस्करी हो रही है। गोरखपुर में आए दिन खेप पकड़ी भी जाती रही है, लेकिन तस्करों तक पुलिस कभी पहुंच नहीं पाई। रैकेट के पर्दाफाश के लिए एसपी नार्थ के नेतृत्व में बनी विशेष टीम की छानबीन में इतनी जानकारी जरूर मिली कि नोएडा, शामली और मेरठ के रास्ते हरियाणा निर्मित शराब यूपी में लाई जा रही है। गोरखपुर पहुंचने के बाद कुशीनगर और देवरिया के रास्ते यह शराब बिहार भेजी जाती है।
हरियाणा से गोरखपुर के रास्ते बिहार तक दर्जनों जिलों से शराब लदी गाडिय़ां पार कराई जाती हैं। बिहार में शराब बंदी है जबकि यूपी में भी बाहर की शराब प्रतिबंधित है। इसके बावजूद इन गाडिय़ों की जांच ना के बराबर होती है। कभी-कभार की जांच में छह माह में गोरखपुर जोन में पुलिस 76 गाडिय़ों में शराब की खेप पकड़ चुकी है। जिसकी कीमत आठ करोड़ से अधिक बतायी जा रही है। हरियाणा निर्मित शराब पकडऩे के बाद पुलिस की कार्रवाई चालक और खलासी तक ही सिमट कर रह गई। उनसे पूछताछ में हरियाणा से बिहार तक रूट का पता तो चल गया लेकिन शराब तस्करों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
नेटवर्क से जुड़े पुलिसकर्मी पास कराते हैं गाड़ी
शराब तस्कर गिरोह से जुड़े पुलिसकर्मी रास्ते में पडऩे वाले थाना व चौकी प्रभारी से बात कर शराब लदे ट्रक पार कराते हैं। पुलिसवाले ही माफिया से बात करके कुछ गाडिय़ों को पकड़वा देते हैं, जिससे अधिकारियों को उनपर संदेह न हो। गोरखपुर परिक्षेत्र के 22 पुलिसकर्मी शराब तस्करी रैकेट से संपर्क रखने की वजह से शक के दायरे में हैं।
दो थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा पकड़ी जाती है शराब
गोरखपुर में सहजनवां और खोराबार थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा शराब लदी गाडिय़ां पकड़ी जाती हैं। इन दोनों थानों में फोरलेन का एक बड़ा हिस्सा आता है।
सहजनवां में पकड़ी गई शराब
- 16 जून 2018 को 222 पेटी देसी शराब।
- 29 जून 2018 को एक ट्रक में 208 पेटी अंग्रेजी शराब।
- चार जुलाई 2018 को 1100 पेटी अंग्रेजी शराब
- 28 जुलाई 2018 को दो कार से 736 शीशी शराब।
- 31 जुलाई 2018 को एक ट्रक से 170 पेटी अंग्रेजी शराब।
- छह अगस्त 2018 को 135 पेटी शराब।
- 26 अगस्त 2018 को 295 पेटी शराब।
- 12 सितंबर 2018 को एक ट्रक से 140 पेटी शराब।
- 11 अक्टूबर 2018 को एक गाड़ी से 8400 शीशी शराब।
- 22 अक्टूबर 2018 को एक ट्रक से 200 पेटी शराब।
- 25 अक्टूबर 2018 को दो पिकअप गाड़ी से 105 पेटी शराब।
- सात नवंबर 2018 को एक ट्रक से 250 पेटी शराब।
- आठ दिसंबर 2018 को एक ट्रक से 170 पेटी अंग्रेजी शराब।
- 21 जनवरी 2019 को कार में 2.30 लाख की अंग्रेजी शराब बरामद। - 25 जनवरी 2019 को 12 लाख की अंग्रेजी शराब।
- जनवरी 2019 में आबकारी ने 15 लाख की कीमत की अंग्रेजी शराब पकड़ी।
- 12 फरवरी 2019 को 195 पेटी शराब।
- 16 फरवरी 2019 को गीडा सेक्टर 13 में 50 लाख की शराब बरामद।
- 21 जून 2019 को 895 शीशी देसी शराब बरामद।
- 19 जुलाई 2019 को 165 शीशी शराब।
खोराबार में पकड़ी गई शराब
- 22 सितंबर 2018 : 19 पेटी अंग्रेजी और 432 शीशी देसी शराब।
- 12 अक्टूबर 2018 को हरियाणा निर्मित 200 पेटी शराब।
- 23 अक्टूबर 2018 को 156 बोतल अंग्रेजी शराब।
- 22 जनवरी 2019 को 14 पेटी अंग्रेजी शराब।
- 12 जुलाई 2019 को 512 बोतल हरियाणा निर्मित शराब।
रास्तों को चिह्नित कर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी
आइजी रेंज जय नारायण सिंह का कहना है कि शराब तस्करी रोकने के लिए रेंज पुलिस बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। इस अभियान में कई तस्करों की गिरफ्तारी के साथ ही बड़ी मात्रा में शराब भी बरामद हुई है। तस्करी पर रोक लगाने के लिए रास्तों को चिह्नित कर संबंधित जिले की पुलिस की मदद से प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।