बाढ़ से लोगों को सुरक्षित रखना अधिकारियों की जिम्मेदारी
बेसिक शिक्षामंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि बाढ़ से गांव सहित आसपास क्षेत्रों की जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील है। इसलिए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
सिद्धार्थनगर : बेसिक शिक्षामंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि बाढ़ से गांव सहित आसपास क्षेत्रों की जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील है। इसलिए पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
डा. सतीश शुक्रवार को राप्ती नदी के पार बलरामपुर जनपद की तरफ स्थित विधानसभा क्षेत्र इटवा के ग्राम परसोहिया सदानंद के निकट कटान रोधी कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। कटान स्थल पर पहुंचे डा. द्विवेदी ने अब तक कराए गए कार्यों के बारे में जानकारी ली। इससे संबंधित अभिलेखों का निरीक्षण भी किया। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रस्ताव तैयार करते हुए शासन को भेजे, जिससे इसका स्थायी निराकरण कराया जा सके। इस बीच शिक्षामंत्री गांव के लोगों के बीच गए और उनकी समस्याएं सुनीं। प्रभावित लोगों एवं कच्चे मकानों पर रह रहे ग्रामीणों से भी मुलाकात की। कहा कि कटान रोधी कार्य कराए गए हैं, इसके स्थायी समाधान के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। सुरक्षा की ²ष्टि से वह सारे कदम उठाए जाएंगे जो आपके और क्षेत्र के हित में होगा। भाजपा सरकार बाढ़ से बचाव एवं कटान स्थल को सुरक्षित करने के लिए गंभीर है, जिसकी कड़ी में लगातार कार्य कराए जा रहे हैं। यहां भी कार्य हुए हैं, लेकिन अभी और काम कराए जाने की आवश्यकता है। विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा जाएगा, शीघ्र ही यह स्वीकृत हो, इसके लिए वह भी अपने स्तर से हर संभव प्रयास करेंगे। अधिशासी अभियंता जे के लाल, अधीक्षण अभियंता सिचाई विभाग, तहसीलदार डुमरियागंज सहित जिलामंत्री कृष्णा मिश्रा, जयप्रकाश पाण्डेय, गिरधर चतुर्वेदी, जयप्रकाश प्रधान, शत्रुघन पाण्डेय, राजेन्द्र दूबे, काली प्रसाद चतुर्वेदी, पंचम आदि उपस्थित रहे। एनडीआरएफ टीम ने बताई आपदा से बचाव की विधि सिद्धार्थनगर : नौगढ़ ब्लाक सभागार में शुक्रवार को एनडीआरएफ व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन किया। आपदा के समय बचाव की विधि बताई। ऐसे समय में लोगों को अपना संयम कायम रखने की सलाह दी।
एसडीएम सदर विकास कश्यप ने कहा सभी तहसील और ब्लाक स्तरीय फ्रंटलाइन वर्कर की टीम तैयार की गई है। इन्हें आपदा के समय बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम इन्हें प्रशिक्षण देने का काम कर रही है। बाढ़ आने से पहले व बाद में क्या करें और क्या नहीं करे, इसकी जानकारी दिया जा रहा है। ऐसे समय में पूरी तरह से सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। जीवन सुरक्षा के लिए स्थानीय संसाधनों से निर्मित रक्षक जैकेट बनाने का तरीका सभी लोगों को जानना चाहिए। सांप काटने पर पीड़ित को प्राथमिक इलाज प्रदान करें। ड्रेसिग, बैंडेज, खून का बहाव रोकना, घायल व्यक्ति को एंबुलेंस तक ले जाने के लिए घरेलू सामान के द्वारा स्ट्रेचर बनाने का तरीका बताया जा रहा है। डूबे व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर उसे बचाया जा सकता है। बीडीओ नौगढ़ संगीता यादव, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपदा सलाहकार अनुपम शेखर तिवारी, कमांडेंट एनडीआरएफ गोपी गुप्ता आदि मौजूद रहे।