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खेल की दुर्दशा पर विभाग ने अब शुरू की निगरानी, क्रीड़ाध्यक्षों की बुलाई बैठक

माध्यमिक विद्यालयों में खेलों की दुर्दशा पर विभाग अब नींद से जाग गया है। सभी क्रीड़ाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। ताकि समस्या का समाधान हो सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 10:09 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:09 AM (IST)
खेल की दुर्दशा पर विभाग ने अब शुरू की निगरानी, क्रीड़ाध्यक्षों की बुलाई बैठक
खेल की दुर्दशा पर विभाग ने अब शुरू की निगरानी, क्रीड़ाध्यक्षों की बुलाई बैठक

गोरखपुर : माध्यमिक विद्यालयों में खेलों की दुर्दशा को लेकर दैनिक जागरण में चलाए गए समाचारीय अभियान के बाद शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने खेलों की दुर्दशा को लेकर मंडल के सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों, तहसील प्रभारियों एवं क्रीड़ाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। बैठक में इस बात की सख्त हिदायत दी जाएगी कि सभी विद्यालय खेल पर भी ध्यान दें। इसके साथ ही विभाग ने खेलों की प्रगति, मैदान की स्थिति की निगरानी करने का फैसला भी किया है। विभाग के इस कदम के बाद खेलों के हालात सुधरने के आसार बनते नजर आ रहे हैं।

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माध्यमिक विद्यालयों में खेलकूद की स्थिति बेहद खराब है। खेलकूद के खराब हालात को लेकर दैनिक जागरण के छह सितंबर से 10 सितंबर के अंकों में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए गए। इन समाचारों का संज्ञान लेते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र नाथ सिंह ने सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों से पूछताछ की है। बुधवार को बुलाई गई बैठक में सभी को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा गया है। खेल से लेकर खेल मैदान के सुधार पर होगी चर्चा

बैठक में खेल से लेकर खेल मैदान तक के सुधार पर पर चर्चा की जाएगी। मंडलीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग न करने का कारण भी पूछा जाएगा। खेलों को लेकर बरती जा रही शिथिलता पर भी अधिकारियों से जवाब-तलब किए जाएंगे। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में पत्र भेजे जा चुके हैं। वित्त विहीन विद्यालयों की सहभागिता पर भी होगी चर्चा

बैठक में वित्त विहीन विद्यालयों द्वारा जनपदीय क्रीड़ा समिति के खाते में सहयोग राशि न जमा करने के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। इन विद्यालयों से एक बार फिर सहयोग राशि लेने पर विचार किया जाएगा और जरूरी होगा तो निदेशालय से भी पत्राचार किया जाएगा। निदेशालय के ही आदेश पर वित्त विहीन विद्यालयों से क्रीड़ा शुल्क के रूप में सहभागिता नहीं ली जा रही है, जबकि ये विद्यालय बच्चों से क्रीड़ा शुल्क वसूल करते हैं। इनसे सहभागिता न लेने के आदेश के बाद खेल का बजट काफी कम हो चुका है। शिक्षा के लिए खेल-कूद भी महत्वपूर्ण

संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि खेलकूद भी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। सभी को समान रूप से इसमें प्रतिभाग करना होगा। खेलों के हालात में सुधार पर चर्चा के लिए सभी जिलों के अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। खेल में सुधार की कोशिश जारी

जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया का कहना है कि जिले में खेलों की स्थिति में सुधार की कोशिश जारी है। सभी विद्यालयों में खेलों पर नजर रखी जाएगी। कोशिश होगी कि प्रतियोगिता हो तो सभी टीमें प्रतिभाग करें।


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