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Earthquake: रिक्टर स्केल पर रोजाना दर्ज होते हैं भूकंप के 9 हजार झटके, जानिए किस लेवल पर होता है अधिक खतरा

Earthquake Facts News भूकंप के झटके और उनके असर के बारे में जानना है तो ये खबर आपके लिए काफी फायदेमंद है। आज इस लेख के जरिये हम आपको भूकंप से जुड़ा एक आंकड़ा बताने जा रहे हैं।

By Pragati ChandEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 02:46 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 02:46 PM (IST)
Earthquake: रिक्टर स्केल पर रोजाना दर्ज होते हैं भूकंप के 9 हजार झटके, जानिए किस लेवल पर होता है अधिक खतरा
Earthquake: पढ़िए- भूकंप से जुड़ी ये खास बात।

गोरखपुर, जेएनएन। भूकंप के झटके आपने अपने जीवन में कई बार महसूस किए होंगे। वहीं आपके मन में कई बार यह सवाल भी उठता होगा कि भूकंप क्या है, कैसे होता उत्पन्न है और ये कितने प्रकार का होता है। इतना ही नहीं भूकंप से जुड़े कई सवाल परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। आज हम आपको भूकंप से जुड़ा एक आंकड़ा बताने जा रहे हैं। रेक्टर स्केल पर दुनिया भर में करीब नौ हजार भूकंप दर्ज किए जाते हैं। भूकंप की तीव्रता और उनकी बारंबरता पर रिपोर्ट पढ़ें-

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क्या है रिक्टर स्केल: रिटर स्केल भूकंप से उठने वाली तरंगों के वेग को मापने वाला उपकरण है। इस उपकरण के माध्यम से भूकंपीय तरंगों को आंकड़ों में परिवर्तित किया जा सकता है। यह पैमाना एक से दस तक के अंकों के आधार पर भूकंप के वेग को नाप सकता है। यहां एक का अंक न्यूनतम वेग और 10 अधिकतम वेग को दर्शाता है।

महसूस नहीं होते हैं ये भूकंप: माइक्रो और माइनर कैटेगरी के भूकंप रिक्टर स्केल पर प्रतिदिन दुनियाभर में नौ हजार दर्ज किए जाते हैं। रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और ये भूकंप महसूस नहीं किए जाते हैं। रेक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के आठ हजार भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइन कैटेगरी में रखा गया है। ऐसे एक हजार भूकंप प्रतिदिन आते हैं। इसे भी हम सामान्य तौर पर महसूस नहीं करते हैं।

इन झटकों से नहीं पहुंचता नुकसान

  • रिक्टर स्केल पर हर साल वेरी लाइट और लाइट कैटेगरी के 55 हजार 200 भूकंप दर्ज किए जाते हैं। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49 हजार बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही कोई नुकसान पहुंचता है।
  • लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो दुनियाभर में एक साल में छह हजार दो सौ बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस भी किया जाता है और इनसे सामान भी हिलते हुए दिखाई देते हैं। इनसे भी नुकसान न के बराबर ही होते हैं।

ये झटके 160 किलोमीटर तक मचा देते हैं तबाही

  • रिक्टर स्केल पर एक साल में मॉडरेट और स्ट्रांग कैटेगरी के 920 भूकंप दर्ज होते हैं। मॉडरेट कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता 5.0 से 5.9 दर्ज की जाती है। ऐसे आठ सौ भूकंप दुनियाभर में एक साल में रिक्टर स्केल पर दर्ज होते हैं। इनसे खराब बिल्डिंग मैटेरियल से बने भवनों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। हालांकि इनका असर बहुत छोटे इलाकों पर पड़ता है।
  • स्ट्रांग कैटेगरी के भूकंप जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 से 6.9 दर्ज होती है। यह भारी तबाही मचाती है। भयानक तीव्रता के चलते भूकंप के केंद्र से लेकर 160 किलोमीटर की आबादी वाले इलाकों में तबाही मच जाती है। एक साल में ऐसे 120 भूकंप दुनियाभर में रिक्टर स्केल पर दर्ज किऐए जाते हैं।

कुछ भूकंप 19 तो कुछ एक बार आते हैं

  • मेजर और ग्रेट कैटेगरी के भूकंप पूरी दुनिया के रिक्टर स्केल पर साल में 19 बार दर्ज किए जाते हैं। मेजर कैटेगरी के भूकंपों की तीव्रता 7.0 से 7.9 तक होती है। ऐसे भूकंपों की संख्या एक साल में 18 होती है और इनके झटकों से काफी बड़े क्षेत्रों में भारी तबाही फैल जाती है।
  • रिक्टर स्केल पर 8.0 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ग्रेट कैटेगरी में रखे जाते हैं। ऐसे झटकों से कुछ सौ मील तक तबाही ही तबाही पसर जाती है। हालांकि ऐसे भूकंप साल में एक ही बार दर्ज किए जाते हैं।

इन झटकों से हजारों किलोमीटर तक मच जाती है तबाही: रिक्टर स्केल पर 9.0 से 9.9 तीव्रता वाले भूकंप एक्सट्रीम कैटेगरी में रखे जाते हैं। इन भूकंपों के झटके से हजारो मील तक तबाही ही तबाही मच जाती है। ऐसे भूकंपों के इसर से अलग- अलग महाद्वीप तक प्रभावित हो जाते हैं।

ऐसे भूकंप ना ही आएं: रिक्टर स्केल पर 10.0 या इससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप को एपिक कैटेगरी में रखा गया है। अभी तक इस तरह का भूकंप दर्ज नहीं किया गया है।


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