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दुल्‍हन सजाने की ड्यूटी..शिक्षिकाओं ने कहा, बाध्यकारी आदेश ने पहुंचाई ठेस Gorakhpur News

सिद्धार्थनगर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के कार्यक्रम में दुल्हनों को सजाने के लिए महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का मामला तूल पकड़ रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 04:20 PM (IST)
दुल्‍हन सजाने की ड्यूटी..शिक्षिकाओं ने कहा, बाध्यकारी आदेश ने पहुंचाई ठेस Gorakhpur News
दुल्‍हन सजाने की ड्यूटी..शिक्षिकाओं ने कहा, बाध्यकारी आदेश ने पहुंचाई ठेस Gorakhpur News

सिद्धार्थनगर, जेएनएन। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के कार्यक्रम में दुल्हनों को सजाने के लिए महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के प्रकरण को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। यह बातें खुलकर सामने आने लगी हैं कि शिक्षण कार्य के अलावा शिक्षकों से सरकारी कार्यक्रमों और आयोजनों में भरपूर सहयोग लिया जाता रहा है।

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निलंबित हो चुके हैं खंड शिक्षा अधिकारी

20 जुलाई 2019 को भी आयोजित इस कार्यक्रम में महिला शिक्षकों ने सहयोग किया था, लेकिन इस बार खंड शिक्षा अधिकारी ने दुल्हन सजाने के लिए बाध्यकारी आदेश जारी कर दिया। शिक्षकों ने इसे जबरन थोपने वाला आदेश माना। इसे लेकर जब सोशल मीडिया पर विरोध के स्वर फूटे तो विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया। जिन शिक्षकों के लिए आदेश जारी हुआ था, इसे लेकर उनकी अलग-अलग राय है।

शिक्षिकाओं ने कहा

प्राथमिक विद्यालय बैलोहा की शिक्षक संध्या कबीर कहती हैं, पहले भी कार्यक्रमों में सहयोग लिया जाता रहा है, लेकिन इसके लिए लिखित आदेश कभी नहीं जारी हुआ। प्राथमिक विद्यालय गोसाई की शिक्षक आरती चौधरी का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में उनका सहयोग लिया जाता है, तो हर्ज नहीं है। शिक्षक पहले भी सहयोग देते रहे हैं। प्रिय दर्शना पांडेय, नाजमिन और साक्षी व अन्य ने कहा कि सरकारी आयोजनों में रंगोली बनाने का काम शिक्षिकाएं हमेशा से करती रहीं हैं। साक्षी श्रीवास्तव, संध्या श्रीवास्तव, संदीपा राजा आदि का कहना है कि वह स्कूल में ब'चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ सरकारी आयोजनों में भी सहयोग करती हैं। लेकिन यह आदेश जबरन थोपने वाला रहा। उनके यहां रिजल्ट भी शत-प्रतिशत रहता है।

मैंने कुछ भी गलत नहीं किया : बीईओ

निलंबित खंड शिक्षा अधिकारी ध्रुव प्रसाद ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर कोई गलत नहीं किया है। पहले भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती रही है। मैंने कार्यक्रम को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय लिया था।

सही है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में महिला स्टाफ से सहयोग लिया जाता रहा है, लेकिन महिला शिक्षकों के लिए लिखित तौर पर कभी आदेश नहीं हुए और न ही मुझे इसकी जानकारी है। बीईओ को दुल्हनों को सजाने के आदेश नहीं करने चाहिए थे। आदेश की शब्दावली गलत है। बीईओ को वालंटियर की व्यवस्था करनी थी, जो व्यायाम शिक्षक या अनुदेशक भी हो सकते थे।  - डा. सूर्य कांत त्रिपाठी, बीएसए, सिद्धार्थनगर


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