बूंद-बूंद पानी को तरस रही पेयजल परियोजनाएं
जलनिगम विभाग का दावा है कि टैंक को नगर पंचायत को हैंड ओवर किया जा चुका है । इस टैंक के निर्माण पर एक करोड़ तीस लाख रुपये खर्च किए जा चुके है फिर भी 13574 आबादी को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। गांव की जनता को बेहतर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों खर्च कर चलाई जा रही पेयजल परियोजनाएं जलनिगम विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। दस साल बाद भी बने ओवरहेड टैंक चालू न हो सके। जहां इंडिया मार्क हैंडपंप लगे , खराब होने के बाद बने ही नहीं। उदासीनता में यह पेयजल परियोजनाएं स्वयं बूंद-बंद पानी को तरस रही है तो फिर यह कैसे ग्रामीणों की प्यास बुझाए ।
पीपीगंज में दस वर्ष से दिखावा बना ओवर हेड टैंक: पीपीगंज : पीपीगंज नगर पंचायत के वार्ड नंबर एक मे 10 वर्ष पूर्व बनाया गया जल निगम का ओवरहेड टैंक दिखावा बन गया है। जलनिगम विभाग का दावा है कि टैंक को नगर पंचायत को हैंड ओवर किया जा चुका है । इस टैंक के निर्माण पर एक करोड़ तीस लाख रुपये खर्च किए जा चुके है फिर भी 13574 आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है।
नगरवासी डाक्टर आकाश दूबे ,आलोक मल्ल ,बंकेश्वर अग्रहरी व विवेक वर्मा का कहना है कि प्रति दिन खरीदकर पानी खरीदते हैं। जलनिगम के अवर अभियंता पवन चौधरी ने कहा कि पानी टंकी और पंप नगर पंचायत को हैड ओवर कर दिया गया है। अब जिमेदारी नगर पंचायत की है। पीपीगंज नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी महेंद्र पांडेय ने कहा कि हमारे आने के पहले टंकी बनी है। जांच करा चालू कराने का प्रयास करेंगे।
सहजनवां में बंद हैं आधे से अधिक ओवरहेड टैंक
सहजनवां ब्लाक के भीटी रावत में करीब एक दशक पहले राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत ओवरहेड टैंक सफेद हाथी साबित हो रहा है। बैजलपुर में जमीनी विवाद से आधा काम होने के बाद निर्माण बंद है। कटसहरा में आपूर्ति चालू है लेकिन गनौरी में बिजली के अभाव में चालू नहीं हो सका है। भगौरा में भी बंद चल रहा है। पिपरौली के अड़िलपार में छह माह, भीटी खोरिया में तीन वर्ष से आपूर्ति बंद है। बाघागाड़ा में छह वर्ष पहले लोकार्पण के बाद एक दिन भी पानी की सप्लाई नहीं हुई। पाली तथा बिसरी में तीन महीने से टैंक बनकर तैयार है लेकिन शुरू नहीं हो सका। भरपही, बिजौवा, पिपरौली, रेवड़ा, पचौरी आदि में सप्लाई चालू है मगर पाइप लाइन टूट चुकी है। अधीक्षक अभियंता जल निगम एसके वर्मा ने कहा कि गांवों में जलापूर्ति शुरू कराने का प्रयास चल रहा है। भीटी रावत में मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है, जिसपर करीब एक करोड़ खर्च होगा।
दूषित पानी पी रहे बांसगांव के नागरिक
नगर पंचायत बांसगांव में कई स्थानों पर इंडिया मार्क हैडपंपों के खराब होने से शुद्ध पेयजल का संकट पैदा हो गया है। ग्रामीण अंचलों में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है।
1.94 करोड़ खर्च, छह वर्ष बाद भी नहीं मिला पीने को जल
ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए पिपरौली ब्लाक के बाघागाड़ा में करीब 1.94 करोड़ रुपये खर्च करके ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया लेकिन छह वर्ष बीत जाने पर भी जनता को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के तहत टैंक बनने के बाद पाइप लाइन भी बिछा दी गई। 6 नवंबर 2014 को तत्कालीन ग्राम्य विकास मंत्री अर¨वद सिंह गोप इसका लोकार्पण भी कर चुके है। ग्रामीण राम ललित ने कहा कि ओवर हेड टैंक बनने से जनता को कोई लाभ नहीं है। ग्राम प्रधान ज्ञानमती देवी का कहना कि जल निगम के लोग आते ही नहीं। जब से पानी की टंकी बनी है, एक दिन भी पानी नहीं आया है। अधिशाषी अभियंता जल निगम सुदेश कुमार ने कहा कि जल्द ही कनेक्शन देकर आपूर्ति शुरू कराई जाएगी।