सावधान, गोरखपुर में बढ सकता है पेयजल का संकट, छह ब्लाकों के भूमिगत जलस्तर में दोगुनी गिरावट Gorakhpur News
यह निश्चित रूप से खतरे की घंटी है। लघु सिंचाई विभाग के सर्वे में इन विकास खंडों के जलस्तर में औसतन दोगुने की गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते सिंचाई व पेयजल का संकट गहरा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपदवासियों के लिए यह खबर सचेत करने वाली है। कम वर्षा व अंधाधुंध भूमिगत जलादोहन के कारण कई इलाकों के जलस्तर में भारी गिरावट आई है। बांसगांव, उरुवा, खोराबार, पाली, गोला, बेलघाट आदि विकास खंडों में भूगर्भ जलस्तर लगातार गिर रहा है। यह निश्चित रूप से खतरे की घंटी है। लघु सिंचाई विभाग के सर्वे में इन विकास खंडों के जलस्तर में औसतन दोगुने की गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते सिंचाई व पेयजल का संकट गहराता जा रहा है। इस संकट से उबारने के लिए विभाग ने सैलो बोरिंग (30 मीटर की गहराई) की जगह मध्यम बोरिंग (60 मीटर की गहराई) की योजना बनाई है। इन क्षेत्रों में जल स्तर का औसत 70 फिट था जो अब 140 फिट पर पहुंच गया है।
बजट के अभाव में लटकी योजना
भूजलस्तर में गिरावट से चिंतित विभाग ने वर्ष 2019-20 के लिए जिला योजना समिति से 500 बोङ्क्षरग का प्रस्ताव पास कराया है। इससे पूर्व 2018-19 में 50 बोङ्क्षरग का प्रस्ताव पास हुआ था। इसमें कुल 24 लोगों ने आवेदन भी कर दिया। किसानों ने 1500 रुपये सर्वे शुल्क भी जमा कर दिए, लेकिन बजट के अभाव में योजना परवान नहीं चढ़ सकी है।
क्या कहते हैं आवेदक
बांसगांव ब्लाक के ग्राम गोडसरी के कास्तकार द्वारिकाधीश श्रीवास्तव कहते हैं कि बोङ्क्षरग के लिए छह माह पूर्व आवेदन के साथ ही सर्वे शुल्क जमा करा दिया। अब विभाग की पहल का इंतजार है। सरदारनगर विकास खंड के राकेश मिश्र व बनसहिया ग्राम के संतोष मणि त्रिपाठी भी आवेदकों की उन्हीं कतार में हैं जिन्हें एक अदद बोङ्क्षरग का इंतजार है।
चिंता का विषय
मुख्य विकास अधिकारी अनुज सिंह का कहना है कि गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय है। किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मध्यम गहरी बोङ्क्षरग का प्रस्ताव तैयार कराया गया है। शासन से बजट की मांग की गई है। वर्ष 2019-20 में जनपद में सामान्य जाति के लिए 1742 व अनुसूचित जाति के लिए 263 बोङ्क्षरग कराने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष सामान्य जाति के लिए 500 व अनुसूचित जाति के लोगों के लिए 100 बोङ्क्षरग कराई जा चुकी है।