नाटक 'बड़े हुजूर' ने दर्शकों को हंसाया
गोरखपुर : कचहरी क्लब टाउनहाल में आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में गुरुवार की शाम नाट
गोरखपुर : कचहरी क्लब टाउनहाल में आयोजित खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में गुरुवार की शाम नाटक 'बड़े हुजूर' का मंचन किया गया। लखनऊ से आए कलाकारों ने वेलेंटाइन वीक के मौके पर यह खास प्रस्तुति की। नाटक के केंद्र में शादीशुदा व्यक्ति का प्यार है, जो परवान नहीं चढ़ पाता। बीच-बीच में अनेक रोमांटिक व अन्य दृश्य आते हैं जो नाटक को समृद्ध करते हैं। अनेक दृश्यों पर दर्शक लोटपोट हो जाते हैं। लेखक मौलियर हैं। आत्माराम सावंत ने नाट्य रूपांतरण किया। निर्देशन सरिता यादव ने किया।
नाटक का नायक शराफत हुसैन हैं जो शादीशुदा हैं। वह नवाब बड़े हुजूर के यहां किराये पर कमरा लेता है और अपने को कुंवारा बताता है। बड़े हुजूर की लड़की पम्मी को उससे प्यार हो जाता है, नवाब साहब भी उसे घर जमाई बनाने की सोचने लगते हैं। इसी बीच शराफत की पत्नी का प्रवेश होता है और सारा मामला उलट जाता है। शराफत अपनी पत्नी शमीम को बहन बनाकर बड़े हुजूर से परिचय कराता है, उसे देखकर बड़े हुजूर के मन में शादी के लड्डू फूटने लगते हैं। इसी बीच शमीम के पिता का प्रवेश होता है और सारी चीजें उजागर हो जाती हैं। अंत में शराफत पम्मी की शादी अपने दोस्त से करवा देता है।
कलाकारों में सिद्धार्थ श्रीवास्तव, स्नेहिल, सरिता यादव, अंतिमा, शशिकांत दुबे, संजय श्रीवास्तव व अमरनाथ विश्वकर्मा थे। मंच से परे सरोज यादव, धीरेंद्र पांडेय, राहुल यादव, आदर्श सिंह विसेन, अनीता यादव, शिवजीत वर्मा का सहयोग रहा। संचालन नवीन पांडेय ने किया।