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कुशीनगर में ड्रेन की सफाई नहीं हुई, डूब गई एक हजार एकड़ फसल

कुशीनगर जिले में बारिश के चलते सिकटा बादलपट्टी ड्रेन ओवरफ्लो होकर बह रही है। इससे लगभग एक दर्जन गांवों की हजारों एकड़ धान की फसल जलभराव के कारण बर्बाद होने की कगार पर है। किसानों का लागत डूबने की चिंता सता रही है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 06:45 AM (IST)
कुशीनगर में ड्रेन की सफाई नहीं हुई, डूब गई एक हजार एकड़ फसल
ड्रेन टूटने से डूबी धान की फसल। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर जिले में बारिश के चलते सिकटा बादलपट्टी ड्रेन ओवरफ्लो होकर बह रही है। इससे लगभग एक दर्जन गांवों की हजारों एकड़ धान की फसल जलभराव के कारण बर्बाद होने की कगार पर है। किसानों का लागत डूबने की चिंता सता रही है।

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दर्जनों गांवों के लिए वरदान माना जाता है बादलपट्टी ड्रेन

18 किमी लंबा सिकटा बादलपट्टी ड्रेन आसपास के सिकटा, बादलपट्टी, नाला लक्ष्मीपुर, घोरघटिया, सिकटा खन्हवार, पिपरा, धरमागर छपरा, परसौनी, नौतन, नकटहां, बसडीला, छहूं, तेजवलिया, बेलवा आदि दर्जनों गांवों के लिए वरदान माना जाता है। इसके पानी से ही इन गांवों के फसलों की सिंचाई होती थी, पर इधर तीन चार वर्षों से सफाई न होने से ड्रेन झाड़-झंखाड़ तथा कीचड़ से पटी हुई है, इससे जलनिकासी नहीं हो पा रही है। जगह-जगह यह ड्रेन ओवरफ्लो होकर बह रही है। इससे एक दर्जन गांवों की लगभग एक हजार एकड़ धान की फसल में तीन से चार फिट पानी भर गया है। फसल बर्बाद होने की कगार पर है। किसान कन्हैया सिंह, अनिरुद्ध चौबे, नर्वदा जायसवाल, गोलू सिंह, हीरा गुप्ता, मुन्ना सिंह, सीता राम यादव, बलभद्र सिंह, क्यामुद्दीन अंसारी, फूलकुंवर यादव, रामऔतार शर्मा ने बताया कि ड्रेन की सफाई अगर समय पर हो गई होती यह दिन नहीं देखने पड़ते। धान की फसल खराब होने की कगार पर है।

लगातार चौथे दिन जलस्तर में कमी, कटान की आशंका बढ़ी

नारायणी नदी में बाढ़ आने के बाद उतरता पानी खतरनाक साबित होता है। नदी घटते जलस्तर को हथियार बना खतरनाक रूप से कटान को अंजाम देती है। गत चार दिनों से घटता डिस्चार्ज व जलस्तर विषम परिस्थिति की ओर इशारा कर रहा है। बांध के किनारे बसे गांवों के ग्रामीण भयभीत हैं। डिस्चार्ज डेढ़ लाख क्यूसेक के आसपास रहा। पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर में पांच सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई और यह 75.25 मीटर हो गया। नदी खतरे के निशान 95 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। एपी बांध के किमी 1.700 नरवाजोत बांध, किमी 12.500 बाघाचौर, किमी 12860 नोनिया पट्टी, किमी 14.500 अहिरौलीदान अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 लक्ष्मीपुर व किमी जीरो से किमी 800 बरवापट्टी पर दबाव है। एक्सईएन महेश कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। संवेदनशील स्थानों की सतत निगरानी की जा रही है। किसी भी दशा में बांध को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।


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