गोरखपुर आक्सीजन कांड के आरोपी डॉ. कफील ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराए सरकार
गोरखपुर आक्सीजन त्रासदी मामले में निलंबित किए गए डॉ. कफील खान ने सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराए।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर आक्सीजन त्रासदी मामले में निलंबित किए गए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रवक्ता डॉ. कफील खान ने कहा कि उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ विभागीय जांच को 90 दिनों में पूरा करने और उनके सभी दावों का भुगतान जल्द करने का आदेश दिया है। तीन महीने की यह अवधि सात जून को पूरी हो रही है। अभी तक उनके खिलाफ विभागीय जांच पूरी होने के बारे में कोई खबर नहीं है।
डॉ. खान ने बताया कि इसी क्रम में मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य महिम मित्तल से मुलाकात की। प्रधानाचार्य ने भुगतान का सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि उनका तकरीबन 16 लाख रुपये बकाया है, जिसका भुगतान न होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। डॉ. खान ने कहा कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए एक कैंपेन चला रहा हूं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने उनके सुझाव को अपने घोषणा-पत्र में शामिल किया है।
सुप्रीम कोर्ट से मिली है राहत
बता दें कि बीआरडी मेडिकल कालेज में बीते 10/11 अगस्त-2017 को आक्सीजन की कमी की वजह से 85 बच्चों की मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में डा. कफील खान निलंबित चल रहे हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह सात जून तक डा. कफील के मामले में निर्णय लेकर उनके बकाया देयकों का भुगतान करें।
मुसीबत में पड़ी थी योगी सरकार
आक्सीजन काण्ड को लेकर योगी सरकार की जबरदस्त घेराबंदी हुई थी। मासूम बच्चों की मौत एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था। बच्चों की मौत की वजह समय से आक्सीजन सप्लाई न होना बताई गई थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए प्राचार्य राजीव मिश्र, उनकी पत्नी पूर्णिमा, डा. कफील खा समेत 8 लोगों को निलम्बित कर दिया था। उनपर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। आक्सजीन सप्लाई करने वाले मनीष भण्डारी पर भी एफआईआर हुई थी। सभी 9 आरोपी जेल गए थे। डा. कफील भी एक साल बाद जमानत पर छूटे।
डा. कफील समेत सभी 8 लोगों को अभी तक बहाल नहीं किया गया है और न ही निलम्बन के दौरान उनके देयकों का भुगतान हुआ लिहाजा उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 7 मार्च को हाईकोर्ट ने 90 दिन में देयकों का भुगतान करने का आदेश दिया था। यह तारीख करीब आ रही है पर कफील को प्रगति नहीं दिखी तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की । शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन करने का राज्य सरकार को आदेश
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