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    यूपी पुलिस ने 11 दिन में सुलझाई डबल मर्डर मिस्‍ट्री, 800 कैमरों की जांच और 60 से ज्‍यादा लोगों से पूछताछ

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 03:59 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने 11 दिनों में डबल मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया। पुलिस ने 800 कैमरों की जांच की और 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की। सघन जांच और पूछ ...और पढ़ें

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    मोबाइल फोन में मिले वीडियो से पुलिस को मिला सुराग। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर । घोषीपुरवा के दोहरे हत्याकांड की गुत्थी उस वक्त सुलझी जब पुलिस ने रजत की निजी जिंदगी, उसकी महत्वाकांक्षा और उसके दिखावे की दुनिया को परत-दर-परत खोला। पूछताछ में सामने आया कि आरोपित विमला को बुआ व शांति देवी को दादी कहकर बुलाता था लेकिन प्रेमिका को महंगे उपहार व उसके पिता का कर्ज उतारने के लिए रिश्तों का कत्ल कर दिया।

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    सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया कि रजत उर्फ रितेश रंजन की प्रेमिका जेल बाइपास रोड पर रहती थी। उसके पिता ठेले पर फल बेचते थे, लेकिन परिवार की दिनचर्या संतुलित और संसाधनयुक्त थी। रजत इसी तुलना में दबता चला गया। उसने प्रेमिका के लिए एक कमरा तैयार कराया जिसमें एसी लगवाया था। दो वर्ष पहले दीपावली में भी उसने पिता से पैसे लेकर कार खरीदी थी। उसने प्रेमिका से वादा किया कि वह उसे महंगा फोन देगा। रुपये के लिए उसने विमला के घर में चोरी करने की योजना बनाई।

    मोहल्लेवालों के मुताबिक विमला और रजत के बीच पैसों का लेन-देन चलता रहता था। रामा फर्नीचर की दुकान पर वह अक्सर उससे मिलने भी आता था। घर में उसका आना-जाना सामान्य बात थी। रजत ने इसी विश्वास का फायदा उठाया। एक माह की कोशिश के बाद भी जब चोरी करने में नाकाम रहा तो 23 नवंबर की रात हत्या की योजना बना विमला के घर पहुंचा, भीतर बैठकर विमला व उसकी मां के साथ शराब पी फिर हथौड़े से हमला कर दोनों की जान ले ली।

    रात 10.50 बजे वारदात को अंजाम देने के बाद करीब 30 मिनट तक वह घर के अंदर रहा। घटना का पर्दाफाश करने के लिए एसएसपी ने पांच टीमें बनाई। एक टीम ने शहर के 800 कैमरों का फुटेज खंगाला, एक ने 200 मोबाइल नंबरों की लोकेशन और काल डिटेल की जांच की। तीसरी टीम मोहल्ले की सामाजिक परतों को पढ़ती रही, तो चौथी टीम आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण कर रही थी। पांचवीं टीम पूछताछ और मनोवैज्ञानिक संकेत पकड़ने में लगी थी। जांच भटक रही थी।

    मोहल्ले के हर घर, हर किराएदार, प्रापर्टी डीलर और यहां तक कि कैटरिंग वाले युवकों को उठा लिया गया था। 60 से अधिक लोगों की पूछताछ के बाद भी कोई ठोस सुराग नहीं मिला। और तभी वह क्षण आया जिसने पूरी कहानी बदल दी। पुलिस ने पूछताछ के लिए रजत को बुलाया, मोबाइल फोन मांगा तो उसने बहाने बनाने शुरू किए, सख्ती दिखाने पर फोन दिया। जब स्क्रीन खुली, पुलिस के सामने वह वीडियो था जिसमें विमला के गहने और नकदी उसी रात की लोकेशन पर रजत के हाथ में दिख रहे थे। इ

    सके बाद पूछताछ में वह टूट गया। उसने कबूल किया कि प्रेमिका को महंगे उपहार व उसके पिता का कर्ज खत्म करने के लिए उसने यह वारदात की। सच सामने आने के बाद सुशीला को यह जानकर सबसे गहरा सदमा पहुंचा कि जिस घर में वह मां-बेटी की मौत के बाद पनाह लेकर रो रही थीं, उसी घर के बेटे ने उनकी दुनिया उजाड़ दी थी। रजत घाट पर उनके साथ रोता रहा, लेकिन उसका रोना भी उसी झूठ की तरह था, जो उसने 11 दिनों तक निभाया।