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महराजगंज में स्टोर में धूल फांक रहे दान में मिले वेंटिलेटर

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि तीन वेंटिलेटर दान में मिले हैं। मशीन को चालू करने के लिए संबंधित संस्था से वार्ता की गई है। इंजीनियरों के आते ही इसे शीघ्र चालू करा दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 06:10 AM (IST)
महराजगंज में स्टोर में धूल फांक रहे दान में मिले वेंटिलेटर
महराजगंज में स्टोर में धूल फांक रहे दान में मिले वेंटिलेटर

महराजगंज: कोरोना काल में मरीजों के लिए दान में मिले वेंटिलेटर काम में नहीं आ रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि जिला अस्पताल प्रशासन ने साढ़े तीन माह बाद भी इसे चालू नहीं करा सका है। वेंटिलेटर स्टोर में धूल फांक रहा है।

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कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश भर में बेड और वेंटिलेटर को लेकर त्राहि-त्राहि मची थी। आक्सीजन के अभाव में कई लोगों की जान भी गई। इस बीच सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने सुविधाएं बढ़ाने के लिए व्यवस्थाएं भी की। जिला महिला अस्पताल को संस्था ने जून माह में तीन वेंटिलेटर दान किया। बावजूद अस्पताल प्रशासन उस दौर की त्रासदी से सबक नहीं ले रहा है। नतीजन सुविधाएं होने के बाद भी अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। खामी छुपाने के लिए दे रहे दलील

महराजगंज: अस्पताल प्रशासन अब अपनी खामी छुपाने के लिए दलील दे रहा है कि वर्तमान में उपलब्ध वेंटिलेटर से कार्य चलाया जा रहा है। जिला महिला अस्पताल स्थित कोविड हास्पिटल में 26 सरकारी वेंटिलेटर और तीन दान में मिले वेंटिलेटर है। इसके अलावा जिला अस्पताल के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में 15 तथा तीन सीएचसी पर सात वेंटिलेटर है, जिसका उपयोग किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि तीन वेंटिलेटर दान में मिले हैं। मशीन को चालू करने के लिए संबंधित संस्था से वार्ता की गई है। इंजीनियरों के आते ही इसे शीघ्र चालू करा दिया जाएगा। तड़प रहा बुजुर्ग, कंसंट्रेटर से चला रहे काम

महराजगंज: जिला अस्पताल में बुजुर्ग व गंभीर मरीज भी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। सांस फूलने की बीमारी से ग्रसित बुजुर्ग बुद्धू को वार्ड में भर्ती न करके उन्हें बाहर बरामदे में बेड पर इलाज किया जा रहा है। मरीज गंभीर है और सांस न ले पाने की स्थिति में तड़प रहा है, लेकिन उसे आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाकर आक्सीजन पहुंचाने की सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। सदर तहसील अंतर्गत करमहा ग्राम पंचायत के टोला घमहा निवासी बुद्धू की सांस फूलने पर स्वजन उन्हें लेकर सुबह 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। संतोष ने बताया कि बाबा को इमरजेंसी में डाक्टर को दिखाया गया, तो उन्होंने गोरखपुर रेफर करने के लिए कहा, लेकिन हम लोगों के अनुरोध पर भर्ती तो कर लिए। लेकिन बरामदे में बेड पर इलाज चल रहा है। देर शाम तक मरीज को वरिष्ठ नागरिक वार्ड में नहीं भेजा गया। तीन सूई लगी है और आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाकर छोड़ दिया गया है। किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि सबसे पहले मरीज की गंभीरता को देखते हुए उसे इमरजेंसी में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके बाद उसे संबंधित बीमारी के हिसाब से वार्ड में भर्ती की जाती है। यह भी जानिए

महराजगंज: वेंटिलेटर केवल कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों के गंभीर मरीजों के लिए भी जरूरी होता है। जब मरीज खुद से सांस नहीं ले पाता है, तो उस स्थिति में वेंटिलेटर के सहारे मरीजों को ट्यूब के जरिये श्वसन नली से जोड़ दिया जाता है। यह वेंटिलेटर इंसान के फेफड़ों तक आक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं। साथ ही ये शरीर से कार्बन डाई आक्साइड को बाहर निकालता है, लेकिन यहां आक्सीजन कंसंट्रेटर से काम चलाया जा रहा है।


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