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घबराइए नहीं, मानचित्र से जुड़ी समस्या है तो छह अक्टूबर से जीडीए करेगा समाधान

गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में मानचित्र दाखिल किया है और किसी समस्या के कारण अभी तक आवेदन लंबित है तो छह से आठ अक्टूबर तक जीडीए सभागार में जरूर पहुंचिए। इन तीन दिनों में विशेष मानचित्र समाधान शिविर आयोजित किया जा रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 04:45 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 04:45 PM (IST)
घबराइए नहीं, मानचित्र से जुड़ी समस्या है तो छह अक्टूबर से जीडीए करेगा समाधान
गोरखपुर विकास प्राधिकरण का कार्यालय। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : भवन निर्माण के लिए यदि आपने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में मानचित्र दाखिल किया है और किसी समस्या के कारण अभी तक आवेदन लंबित है तो छह से आठ अक्टूबर तक जीडीए सभागार में जरूर पहुंचिए। प्राधिकरण की ओर से इन तीन दिनों में विशेष मानचित्र समाधान शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में जीडीए के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह भी मौजूद रहेंगे और मानचित्र विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

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समस्याओं के कारण नहीं पास हो पा रहे मानचित्र

मानचित्र के लिए आवेदन करने के लिए विकसित पोर्टल आन लाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम (ओबीपीएएस) पर आवेदन के बाद भी कुछ समस्याएं रह जा रही हैं, जिसके कारण मानचित्र समय से पास नहीं हो पा रहे हैं। इस पोर्टल की जटिलता के कारण कई बार लोग सही तरीके से आवेदन भी नहीं कर पाते हैं। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए विशेष शिविर आयोजित किया गया है। जीडीए उपाध्यक्ष का कहना है कि लंबित मानचित्रों से संबंधित जन सामान्य की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए यह विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। लंबित मानचित्रों की समीक्षा कर विशेष सत्र के दौरान ही उसे निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा।

आर्किटेक्ट एवं आवेदकों को दी जाएगी जानकारी

ओबीपीएएस का सरलता से संचालन करने के लिए आर्किटेक्ट एवं आवेदकों को जानकारी भी दी जाएगी। इसके लिए भी उन्हें विशेष सत्र में आमंत्रित किया जाएगा। विशेष सत्र में निस्तारित मामलों की पूरी जानकारी आवास बंधु का भी उपलब्ध करायी जाएगी। इस शिविर में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक मानचित्र विभाग से जुड़े सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा गया है। जिनके मानचित्र कुछ कमियों के कारण पहले रिजेक्ट हो चुके हैं, उनकी कमियां दूर कराकर मानचित्र पास करवाया जाएगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि इस पहल से बड़ी संख्या में मानचित्र से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।


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