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डीएम ने कहा, मेहनत से काम करेंगे तो आदर्श जिला बनेगा गोरखपुर

डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मिशन के रूप में काम करना होगा। ऐसा करके गोरखपुर को एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित किया जा सकता है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 04:50 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 04:50 PM (IST)
डीएम ने कहा, मेहनत से काम करेंगे तो आदर्श जिला बनेगा गोरखपुर
मनरेगा उन्नमुखीकरण व क्षमता निर्माण कार्यशाला में उपस्थित डीएम विजय किरण आनंद, सीडीओ इंद्रजीत सिंह, डीपीआरओ हिमांशु शेखर। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए मिशन के रूप में काम करना होगा। ऐसा करके गोरखपुर को एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित किया जा सकता है। मनरेगा के तहत होने वाले परंपरागत कार्यों से निकलकर नए तरह के कार्यों को इससे जोड़ना होगा, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा और गांवों का विकास भी होगा। सभी ग्राम पंचायत सचिव, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी इस बदलाव के लिए जुट जाएं और खंड विकास अधिकारी उसकी निगरानी करें। हर गांव से कम से कम 15 सर्वाधिक जरूरतमंद परिवारों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराना है।

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एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे डीएम

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में मनरेगा के सफल कार्यान्वयन के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक के कार्यों का सभी को आंकलन करना चाहिए। जो सचिव बेहतर काम करेंगे, उनसे दूसरे भी सीखेंगे। सार्वजनिक मंच से उन्हें सम्मानित भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सचिव एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा का कार्य होते समय मौके पर जरूर जाएं, जिससे उन्हें पता चल सके कि असली श्रमिक कौन है। कार्यशाला में जिले के करीब सभी ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी मौजूद थे। केरल से आए मास्टर ट्रेनर सुधीश केएस ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो लोग कूड़ा उत्पन्न करते हैं, उसके निस्तारण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। कूड़ा निस्तारण के लिए कंपोस्ट पिट नजदीक होना चाहिए।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में बताया सीडीओ ने

मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में बताया। मास्टर ट्रेनर डा. भूपेंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट के से जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है, जिससे कृषि की लागत कम होती है और किसान स्वयं के संसाधन पर आत्मनिर्भर बनते हैं। विशेषज्ञ राजीव नयन एवं रवि ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र के कायाकल्प, खेल मैदान के विकास एवं जल निकासी के बारे में, जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने पौधारोपण के बारे में जानकारी दी। वन विभाग के विकास यादव, लघु सिंचाई के अधीक्षण अभियंता एम सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके सिंह, मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. रणजीत सिंह ने भी लोगों को संबोधित किया।


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