बैठक में एक दूसरे से भिड़े डीएम और भाजपा विधायक Gorakhpur News
बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन और भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल आमने-सामने आ गए। बस्ती महोत्सव आयोजन को लेकर दोनों के बीच वैचारिक मतभेद देखने को मिला था।
बस्ती, एसके सिंह। भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन और भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल आमने-सामने आ गए। बस्ती महोत्सव आयोजन को लेकर दोनों के बीच वैचारिक मतभेद देखने को मिला था। मंगलवार को खुलकर सामने आ गया।
डीएम ने की यह टिप्पणी
भानपुर के तहसील सभागार में जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करने पहुंचे थे। मौजूद अधिकारियों को पीडि़तों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने का निर्देश दिया। डीएम ने भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टालरेंस नीति का जिक्र करते हुए कहा ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति कोटेदारों, थानों और ब्लाकों से वसूली कर रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। इस बारे में पता कर जरूरी कार्रवाई की जाए।
विधायक ने डीएम को कटघरे में खड़ा किया
डीएम के इस बयान को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। इसी बीच वहां विधायक संजय प्रताप जायसवाल पहुंच गए। तहसील दिवस का समय खत्म होने वाला था और उन्होंने माइक संभाल लिया। डीएम से सवाल करते हुए उनके दिए बयान का आशय पूछने लगे। उन्होंने पूछा कि बताया जाए कि यह वसूली केवल उनकी विधान सभा क्षेत्र में हो रही है या फिर पूरे जनपद में। राजनीतिक व्यक्ति कौन है, इसकी सूची जारी की जाए। कौन लोग हैं जो वसूली कर रहे हैं, उन्हें भी बताया जाए। रही बात भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की, तो हम इस पहल का स्वागत करते हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर शासन की जीरो टालरेंस नीति का जिक्र करते हुए अफसरों को सतर्क किया गया। किसी भी जनप्रतिनिधि के बारे में कोई बात नहीं की गई। - आशुतोष निरंजन, डीएम
जीरो टॉलरेंस के नीति के तहत ही हमने भी जिलाधिकारी को बताया कि विभागीय लोग योजनाओं के पात्रों का शोषण कर रहे हैं। कार्रवाई के लिए जल्द ही ऐसे लोगों की सूची सौंपेंगे। - संजय प्रताप जायसवाल, विधायक
सीएमओ के सामने आपस में भिड़ गए दो चिकित्सक
उधर, गोरखपुर के गोला सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) का मंगलवार को निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ (मुख्य चिकित्साधिकारी) डॉ. श्रीकांत तिवारी के सामने ही अस्पताल में तैनात दो चिकित्सक आपस में भिड़ गए। सीएमओ ने दोनों को डांटकर शांत कराया और आगे सावधानी बरतने की हिदायत दी। उहोंने साफ कहा कि इसका मतलब यहां काम नहीं हो रहा है। दोपहर बाद तहसील दिवस से वापस लौटते समय सीएमओ गोला सीएचसी पहुंच गए। अधीक्षक कक्ष में दुव्र्यवस्था देख नाराज हुए और अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह को फटकार लगाई, साथ ही व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर तहसील दिवस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान योजना का शिविर लगाया जाए। अस्पताल में बल्ब नहीं था, उन्होंने तत्काल लगवाने के निर्देश दिए। अभी निरीक्षण चल ही रहा था कि अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. आरके राहुल ने सीएमओ से कहा कि मेरे खिलाफ कोई शिकायत नहीं है, लेकिन अधीक्षक बार-बार कहते हैं कि तुम्हारे खिलाफ आइजीआरएस पर बहुत शिकायत पड़ रही है। अधीक्षक ने कहा कि इनके खिलाफ शिकायत है, मैं इनको दिखा दूंगा। इस पर दोनों में विवाद होने लगा। यह देख सीएमओ असहज हो गए। दोनों चिकित्सकों को डांटकर चुप कराया। इस संबंध में सीएमओ ने कहा कि निरीक्षण में साफ-सफाई संबंधी तमाम कमियां मिली हैं, जिसे दूर करने के लिए कहा गया है। आपस में लडऩे के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे लोग लड़ नहीं रहे थे। अपनी व्यथा कह रहे थे। ऐसी कोई बात नहीं है।